Bacteria in Hindi जीवाणु की खोज सन् 1632-1723 ई. के बीच के कार्यकाल में दुनिया के सबसे पहले माइक्रोबायोलाॅजिस्ट एण्टोनिवान ल्यूवेन हाॅक ने की थी। इन्होंने 1676 में अपने द्वारा बनाए गए सुक्ष्मदर्शी से सुक्ष्म जीवाणुओं को सर्वप्रथम बरसात के पानी में तथा उसके बाद अपने दाँतों के मेल में देखा तथा इन्हें सुक्ष्म जीव कहा।
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम Bacteria in Hindi, Bacteria in hindi kya hai, जीवाणु की खोज(Bacteria in Hindi Ki Khoj) के बारे में अच्छे से पढ़ेंगे
Bacteria in Hindi इसलिए “एण्टोनिवान ल्यूवेन हाॅक को सुक्ष्म जीवाणु विज्ञान का जनक भी कहा जाता है।” इन्होंने सबसे पहले एक कोशिकीय प्रोटोजोआ की खोज की तथा उसका नाम अनिमुकुलस नाम दिया था। एहरेनबर्ग ने 1838 ई. में इन्हें जीवाणु(Bacteria) नाम दिया।
जीवाणु की खोज सर्वप्रथम किसने की थी
(Bacteria in Hindi Ki Khoj Sarvpratham Kisne Ki Thi)
एण्टोनिवान ल्यूवेन हाॅक ने सर्वप्रथम सन् 1675 में जीवाणु को देखा और इसके बारे में अपनी पुस्तक “द सिक्रेटस ऑफ नेचर डिसक्वर्ड बाय ल्यूवेन हाॅक(प्रकृति के रहस्य)” में वर्णन किया।
इन्हें सुक्ष्मदर्शी के खोजकर्ता भी कहतें है। क्योेंकि सर्वप्रथम इन्होंने ही सुक्ष्मदर्शी बनाई और जीवाणुओं को देखा। लुईश पाश्चर ने क्रिडवन प्रयोग द्वारा सिद्ध किया की क्रिडवन प्रक्रिया जीवाणुओं द्वारा ही होती है। इन्होंनें यह भी बताया कि पदार्थों का सड़ना तथा अनेक रोगों का कारण सुक्ष्म जीव ही होतें है। जिसका सबसे बड़ा उत्तरदायी कारक जीवाणु ही है।
एन्टोनिवाॅन ल्यूवेन हाॅक
परिचय
दोस्तों जीव विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले वैज्ञानिक एन्टोनिवान ल्यूवेन हाॅक का जन्म 14 अक्टूबर 1632 को डेल्फ्ट नाम के नीदरलैंड के एक शहर में हुआ था। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ल्यूवेन हाॅक बहुत ही कम पढ़े लिखे इंसान थे। लेकिन इन्होंने अपनी जिज्ञासा और मेहनत के दम पर जीव विज्ञान के क्षेत्र में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम लिख दिया और जीवाणु की खोज की।
जीवाणु क्या है (Jivanu Kya Hai)
Bacteria Kya Hai : दोस्तों “जीवाणु जीवन का सबसे सरल रूप है। जीवाणु एक कोशिकीय जीव होते है। जिन्हें हम बैक्टीरिया(Bacteria) भी कहते है।” इनके कोई अंग नहीं होते है। बैक्टीरिया लगभग सभी आकारों में पाए जाते है।
बैक्टीरिया अक्सर जानवरों के शरीर में भी पाए जाते है। इनमें से कुछ तो इनके शरीर के लिए उपयोगी होते है, तो कुछ शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकते है। उदाहरण के लिए गाय के पेट मे ऐसा बैक्टीरिया पाया जाता है जो घास को पचा सकता है।
लेकिन मनुष्य के शरीर में ऐसा बैक्टीरिया नहीं पाया जाता है। यही कारण है कि जानवर घास को पचा पाते है और मनुष्य घास को नहीं पचा सकता है। बैक्टीरिया मनुष्य शरीर को हानि पहुँचा सकतें है इसलिए इनसे बचने के लिए हमें जिंक और विटामिन सी से भरपूर पोषक तत्वों को ग्रहण करना चाहिए।
जीवाणु के प्रकार
आकृति के आधार पर जीवाणु कई प्रकार के होते है –
- छड़ाकार या बेसिलम – यह छड़नुमा या बेलनाकर होता है |
- गोलाकार या कोकस – यह गोलाकर एंव सबसे छोटे जीवाणु होते है |
- कोमा – आकार या विब्रियो – अँग्रेजी के चिन्ह कोमा [ , ] के आकार के उदाहरण विब्रियो आदि |
- सर्पीलाकर – यह स्प्रिंग या स्क्रू के आकार मे होते है |
जीवाणु एंव तथ्य
- चर्म उधोग मे चमड़े से बालो और वसा को हटाने का कार्य जीवाणुओ के द्वारा होता है इसे चमड़ा कमाना कहते है |
- आचार मुरब्बे शर्बत को शक्कर चासनी मे या अधिक नमक मे रखते है ताकि जीवाणुओ का संक्रमण होते ही जीवाणुओ का जीव द्रवकुंचन हो जाता है साथ ही जीवाणु नष्ट हो जाते है इसलिए आचार, मुरब्बे बहुत अधिक दिनो तक खराब नहीं होते |
जीवाणुओं से लाभ
- जीवाणु नाइट्रोजन को स्थिर रूप में बनाए रखते हैं, जैसे भूमि में एजोटोबैक्टर (Azotobacter) और क्लोस्ट्रीडियम (Clostridium) तथा लेग्यूमिनेसी कुल के पौधों में राइजोबियम (Rhizobium)।
- मानव के पाचन तंत्र में पाए जाने वाले जीवाण ई. कोलाई (E. coli) पाचन में सहायक होते हैं।
- लैक्टोबैसिलस केसिआई (Lactobacillus casei) दूध की शर्करा लैक्टोस को किण्वन द्वारा लैक्टिक अम्ल में बदल देता है, जिससे दूध खट्टा हो जाता है।
- माइकोकोक्कस तंबाकू के पत्ते में तथा बैसीलस मेगाथीरियम चाय के पत्ते में सुगंध पैदा करते हैं। इनका प्रयोग चमड़े के शोधन (tanning of leather) एवं जूट के रेशों को अलग करने (retting) में भी होता है।
जीवाणु द्वारा कई प्रकार की औषधियों का निर्माण होता है।
जैसे-
जीवाणु | प्रतिजैविक |
स्ट्रेप्टोमाइसीस वेनेजुएली | क्लोरोमाइसेटिन |
स्ट्रेप्टोमाइसीस ग्रिसियस | स्ट्रेप्टोमाइसीन |
स्ट्रेप्टोमाइसीस रेमोसस | टैरामाइसिन |
स्ट्रेप्टोमाइसीस फ्रोडी | नियोमाइसिन |
जीवाणुओं से हानि
- स्टेप्टोकोक्कस, स्टेफाइलोकोक्कस आदि से स्रावित विषैले पदार्थ, खाद्य पदार्थ को विषाक्त बना देते हैं।
- स्पाइरोकीट साइटोफाज कपास के रेशों को नष्ट कर देता है।
- जीवाणु मिट्टी का विनाइट्रीकरण कर उसकी उर्वरता कम कर देते हैं।
परीक्षा से संबंधित तथ्य –
- ‘जीवाण’ की खोज 1676 ई. में एंटोनी वॉन ल्यूवेनहॉक द्वारा की गई तथा जीवाणु नाम 1838 ई. में एहरेनबर्ग द्वारा रखा गया।
- रॉबर्ट कोच (1843-1910 ई.) ने जर्म सिद्धांत (Germ theory) का प्रतिपादन किया तथा कॉलरा एवं तपेदिक के जीवाणुओं की खोज की।
- लुई पाश्चर (1812-92 ई.) द्वारा दूध के पाश्चुराइजेशन तथा रेबीज के टीके की खोज की गई।
- जीवाणुओं की आकृति कई प्रकार की होती है।
- कुछ जीवाणु आकृति में छड़नुमा या बेलनाकार (Bacillus) होते हैं।
- सबसे छोटे जीवाणुओं का आकार गोलाकार (cocus) होता हैं।
- कुछ जीवाणुओं का आकार कौमा (,) की तरह होता है। उदाहरण-विब्रियो कॉलेरी।
- कुछ जीवाणु सर्पिलाकार (Spiral), स्प्रिंग या स्क्रू के आकार के होते हैं।
- स्वतंत्र रूप से मिट्टी में निवास करने वाले जीवाणु अजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरिलम एवं क्लोस्ट्रीडियम मिट्टी के कणों के बीच स्थित वायु के नाइट्रोजन का स्थिरीकरण (Nitrogen fixation) करते हैं।
- वायु मंडल में नाइट्रोजन-स्थिरीकरण का कार्य एनाबीना तथा नॉस्टॉक नामक सायनों-बैक्टीरिया द्वारा होता है।
- मटर के पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन-स्थिरीकरण का कार्य इनके जड़ों में रहने वाले सइजोबियम तथा ब्रैडीराइजोबियम नामक जीवाणुओं द्वारा होता है।
- दूध को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए इसका ‘पाश्चुराइजेशन करना आवश्यक है। चमड़ा उद्योग में चमड़े से बालों एवं वसा को हटाने का कार्य जीवाणुओं द्वारा होता है। इसे टैनिंग (Tanning) कहा जाता है।
- जीवाणु कोशिका में Curcular DNA पाया जाता है।
- वे पदार्थ जो सूक्ष्म जीवों (Micro-organisms) द्वारा उत्पन्न किये जाते हैं तथा सूक्ष्म जीवों को ही नश्ट करते हैं प्रतिजैविक (Antibiotic) कहलाते हैं।
- एंटीबायोटिक शब्द का इस्तेमाल सर्वप्रथम सेलमन वाक्समैन ने किया।
1. सबसे छोटा जीवाणु कौन है?
डियलिस्टर न्यूमोनोस्टिस (Dialister pneumosintis)
2. बैक्टीरिया की सेल वाल किसकी बनी होती है?
कोशिका भित्ति का निर्माण सेलूलोज, पेक्टोज तथा अन्य निर्जीव पदार्थों द्वारा होता है। कोशिका भित्ति में दो परतें होती हैं जिनके मध्य लमेला नामक दीवाल होती है। कोशिका भित्ति का मुख्य कार्य कोशिका को आकृति प्रदान करना एवं प्रोटोप्लाज्म की रक्षा करना है।
3. सबसे बड़ा जीवाणु कौन सा है?
Chand. Thiomargirita namibiensis is the biggest bacteria.
4. जीवाणु से कौन सा रोग होता है?
बैक्टीरिया से होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियों में बैक्टीरियल मेनिनन्जाइटिस, निमोनिया, टीबी, कॉलेरा, स्ट्रेप थ्रोट, फूड पॉइजनिंग शामिल हैं।
5. जीवाणु से होने वाला रोग जो वायु द्वारा फैलता है तथा फेफड़े को प्रभावित करता है क्या कहलाता है?
कुछ लोगों का सर्दी-जुकाम या श्वसनतंत्र के संक्रमण आसानी से ठीक नहीं होते और हमेशा छाती के सर्दी-जुकाम से ग्रस्त रहते हैं। अगर श्वासनली के स्राव में जीवाणु पलने लगते हैं तो उनके न्यूमोनिया का शिकार होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
6. जीवाणु शब्द से क्या अभिप्राय है?
जीवाणु Meaning in Hindi – जीवाणु का मतलब हिंदी में
ऐसे सूक्ष्म जीव जो जल, मिट्टी, वायु, प्राणियों और पादपों में पाए जाते हैं 3. जीवयुक्त अणु जो प्रायः अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं ; (बैक्टीरिया) 4. … उदाहरण- ऐसा होता है कि जीवाणु कई पुश्तों तक बिना विकसित हुए प्रवाहित रहैं
7. बैक्टीरिया के कारण कौन सा रोग होता है?
आइए बैक्टीरिया से होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियों की चर्चा करते हैं:
बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस बैक्टीरिया से होने वाली इस बीमारी में हमारे ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को ढंकने वाली एक परत मेनिनजिस में सूजन आ जाती है
निमोनिया निमोनिया फेफड़ों का इन्फेक्शन है।
टीबी या तपेदिक
कॉलेरा
8. बैक्टीरियल इन्फेक्शन कैसे होता है?
पेट संक्रमण को बैक्टीरियल आंत्रशोथ के रूप में भी जाना जाता है यह तब होता है जब आपका पेट जीवाणु संक्रमण से प्रभावित होता है। इससे आपके पेट और आंतों में सूजन हो जाती है। आपको उल्टी, दस्त और गंभीर पेट ऐंठन जैसे लक्षण का अनुभव होगा। यहाँ तक कि कम स्वच्छता भी पेट में संक्रमण पैदा कर सकती है।
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तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने Bacteria in Hindi, जीवाणु की खोज(Jivanu Ki Khoj) के बारे में अच्छे से समझा की जीवाणु की खोज किसने की थी और कैसे की थी। मुझे आशा है कि हमारे द्वारा आपको पूर्ण जानकारी दी गई होगी। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी Bacteria in Hindi अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें तथा इसी प्रकार की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।