Hello Friends आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग Examenglishhindi.Com में आज के इस Article में हम पढ़ेंगे की भाषा क्या है, भाषा की परिभाषा, भाषा के कितने भेद होते हैं, भाषा की विशेषता एवं महत्व था इनसे जुड़ी हुए जानकारी प्राप्त करेंगे तो चलिए शुरू करते है – भाषा के कितने भेद होते हैं? विशेषताएँ व महत्व | Bhasha Kise Kehte Hai
भाषा दो प्रकार की होती है. भाषा के ये दो प्रकार मौखिक और लिखित भाषा है. भाषा एक प्रक्रिया है, जिसके जरिये इन्सान अपनी भावनाओ और इच्छाओ को किसी अन्य व्यक्ति को व्यक्त करता है. भाषा के ये दो रूप इन्सान की भावनाओ को व्यक्त करने के तरीके को बतलाती है.
आदमी की भाषा उसकी पहचान होती है. उसकी भाषा ही बताती है की आदमी कोनसे परिवेश से आया है. और आदमी का इतिहास क्या है.
हमारे जीवन में भाषा का बहुत महत्त्व होता है. लेकिन आपको पता है की आखिरकार भाषा का अर्थ क्या होता है. और हिंदी व्याकरण के अनुसार भाषा के कितने भेद होते हैं. हम आपको भाषा किसे कहते हैं और भाषा के प्रकार बारे में विस्तार में बताएगे.
व्याकरण किसे कहते हैं? (Who is Grammar)
- किसी भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोलना, समझना तथा लिखना व्याकरण कहलाता है।
- सभी भाषाओ का अलग-अलग व्याकरण होता है।
- जिसे समझने के बाद हम उस भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोल अथवा लिख सकते है।
- दुसरे शब्दों में-हिन्दी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने सम्बंधी नियमों का बोध कराने वाला शास्त्र हिन्दी व्याकरण कहलाते है।
भाषा किसे कहते हैं? (Bhasha Kise Kehte Hai)
- भाषा शब्द का निर्माण संस्कृत की ‘भाष’ धातु से हुआ है . इस धातु का अर्थ है, वाणी की अभिव्यक्ति .
- भाषा सार्थक ध्वनियों के मेल से बनती है।
- भाषा का प्रयोग करने में केवल मनुष्य ही सक्षम है अन्य प्राणी इस अनमोल विशेषता से वंचित हैं।
- विचारों का आदान-प्रदान केवल भाषा द्वारा ही हो सकता है।
अथवा,
भाषा को लेकर आपको विभिन्न राय और परिभाषा मिलती है. बड़े बड़े दार्शनिको ने भाषा के सबंध में अनेक विचार रहे है. तथा सबने अपने तरीके से भाषा की व्याख्या की है. जिसमे से कुछ मुख्य व्याख्या इस प्रकार से है.
स्वीट के अनुसार – ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा विचारों को प्रकट करना ही भाषा है.
ब्लाक तथा ट्रेगर के अनुसार – भाषा यादृच्छिक भाष् प्रतिकों का तंत्र है जिसके द्वारा एक सामाजिक समूह सहयोग करता है.
प्लेटो के अनुसार – प्लेटो ने भाषा और विचार पर व्याख्या करते हुए लिखा है की विचार आंतरिक आत्म मंथन है और जब ये शब्द बन कर होठो पर आते है. तो भाषा बन जाते है.
स्त्रुत्वा – भाषा यादृच्छिक भाष् प्रतीकों का तंत्र है जिसके द्वारा एक सामाजिक समूह के सदस्य सहयोग एवं संपर्क करते हैं.
भाषा क्या है ? (Bhasha Kya Hai)
इससे स्पष्ट होता है कि भाषा सामाजिक मनुष्यों के बीच भाव तथा विचारों के पारस्परिक आदान-प्रदान का एक सार्थक माध्यम है .
भाषा एक ऐसी प्रक्रिया है. जिसमे एक व्यक्ति अपनी भावनाओ और मनोदशा को व्यक्त करने के लिए विभिन्न माध्यम जैसे गुस्सा, नाराजगी, प्यार, उपकार, मोह, आदेश, शिष्टाचार, आज्ञा, ख़ुशी और अनेक मनोदशा को बोली, लिपि, इशारा का उपयोग करता है किसी अन्य व्यक्ति से व्यक्त करता है.
हम अपनी ख़ुशी और आनन्द व्यक्त करने के लिए हँसते है. खुद के विरुद्ध किसी बात के लिए गुस्सा व्यक्त करते है. अपने दृढ़ संकल्प को दिखाने के लिए मुट्ठी बंद करते है. वही किसी बात पर आश्चर्य होने पर अपनी भौहे ऊपर उठाते है. ये सभी भाषा का ही रूप है.
भाषा की परिभाषा (Bhasha Ki Paribhasha In Hindi)
शब्दों का वह समूह जिनके द्वारा हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं , उसे भाषा कहते है.
भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर या पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों को दूसरो के समक्ष प्रकट करता है। अथवा जिस माध्यम से हम अपने भावों या विचारो को दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है|
संसार में अनेक भाषाएं हैं , उदाहरण – हिंदी, उर्दू, फ्रेंच, जर्मन, आदि .
भाषा कितने प्रकार का होता है (Types of Language)
भाषा के निम्नलिखित तीन प्रकार होते है :-
1. मौखिक भाषा (Oral Language)
2. लिखित भाषा (Written Language)
3. सांकेतिक भाषा (Symbolic / Indicative Language)
1. मौखिक भाषा (Oral Language)
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आमने-सामने बैठ कर परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति भाषण आदि द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तो उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।
मौखिक भाषा में उन सभी स्थानीय भाषाओ को लिया जाता है. जिसके माध्यम से हम अपने मन और दिमाग की बात किसी अन्य व्यक्ति को बोल कर बताते है. भाषा के इस रूप में वक्ता अपनी बात बोल कर सामने वाले को समझाता है.
उदाहरण :
- भाषण
- टेलिफ़ोन
- नाटक
- वार्तालाप
- फिल्म
- दूरसंचार, इत्यादि|
2. लिखित भाषा (Written Language)
जब व्यक्ति किसी दूर बैठे व्यक्ति को पत्र द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा अपने विचार प्रकट करता है और उसे संदेश भेजता है तब उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।
भाषा के जिस माध्यम से हम अपने विचारो को लिख कर प्रकट करते हैं तथा दुसरे इन्हें पढकर समझते हैं, उसे लिखित भाषा कहते हैं। लिखित भाषा समझने के लिए पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। इस भाषा का प्रयोग सदैव पत्र लिखने तथा पढाई-लिखाई में काम आता है।
उदाहरण :
- पत्र
- समाचार पत्र
- कहानी
- लिखित सूचना, इत्यादि|
3. सांकेतिक भाषा (Symbolic / Indicative Language)
सांकेतिक भाषा वह भाषा होती है , जन हमे अपनी बातों समझाने के लिए संकेतों , इशारों की सहायता से समझा सकते है | हम समझाने के लिए हाथों का सहारा , उंगलियों का सहारा , आँखों से , चेहरे की सहायता से समझाते है |
भाषा के जिस माध्यम से हम अपने विचारो को इशारो (संकेतो) में दुसरे वक्ता को समझा सकते हैं। उसे सांकेतिक भाषा कहा जाता है। इस भाषा का प्रयोग वे लोग करते है जो बोल या सुन नहीं सकते। ट्रैफिक नियमों का पालन करना भी सांकेतिक भाषा का रूप है। सांकेतिक भाषा सर्वग्राह्य भाषा नहीं है इसलिए व्याकरण में इसका अध्ययन नहीं किया जाता।
उदाहरण :
- मोबाइल
- टेलीफोन
- भाषण बातचीत करना
- रेडियो
- टेलिविजन
- मूवी, इत्यादि |
भाषा की प्रकृति (Nature of Language)
भाषा नदी के जल के समान सदा चलती एवं बहती रहती है. जिस प्रकार से नदी धरातल के अनुसार अपने स्वरूप को ग्रहण करती है, ठीक उसी प्रकार से भाषा भी देश, काल एवं सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप अपना स्वरूप विकास करती है. भाषा के अपने आंतरिक गुड़ या स्वभाव को भाषा की प्रकृति कहते हैं.
भाषा की विशेषताएं (Features of Language)
भाषा की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- भाषा का संबंध मनुष्य से है.
- भाषा परिवर्तनशील है.
- भाषा की क्षेत्रीय सीमा होती है.
- भाषा प्रतीकात्मक है.
- भाषा ध्वनिमय है .
- भाषा सरलता एवं प्रौढ़ता की दिशा में सतत गतिशील होती है.
- समाज के सांस्कृतिक विकास एवं पतन के साथ भाषा के विकास एवं पतन भी जुड़े होते हैं .
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Bhasha Kise Kehte Hai :- अगर आपने Bhasha Kise Kehte Hai को यहाँ तक पढ़ा है तो मुझे पूरी तरह उम्मीद है की आपको Bhasha Kise Kehte Hai अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा| इस Artical में अगर आपको कोई भी Problem हो तो हमें Comment के माध्यम से पूछ सकते है | अगर आपको यह Artical अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे Bhasha Kise Kehte Hai
Bhasha Kise Kehte Hai FAQ
भाषा का मौलिक रूप क्या होता है?
भाषा का मौखिक रूप अस्थाई होता है .
भाषा का मौलिक रूप स्थायी होता है?
भाषा का मौखिक रूप स्थाई नहीं होता है . जैसे जब हम बात-चीत करते हैं तो मुहं से निकली ध्वनि कुछ समय में गायब हो जाती है.
लिखित भाषा स्थिर होती है?
हां, लिखित भाषा, भाषा का स्थाई रूप होती है .
भाषा को स्थायी रूप प्रदान करता है?
लिखित भाषा, भाषा को स्थाई रूप प्रदान करता है . जिसके माध्यम से हम किसी विचार आदि को बाद के लिए संग्रह कर सकते हैं.
भाषा का स्थिर रूप कोनसा है?
लिखित भाषा, भाषा का स्थाई रूप है . इसके जरिये हम अपने विचरों,भावों आदि को लिखित रूप देकर स्थाई कर सकते है .
क्या भाषा का मौलिक रूप स्थिर होता है?
नहीं, भाषा का मौखिक रूप स्थाई नहीं होता है .