धमनी और शिरा में अंतर | Difference Between Arterie And Vein

दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको धमनी और शिरा में अंतर बताएंगे। विज्ञान विषय में यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।

धमनी और शिरा मेंं अंतर जानने से पहले हमें यह जानना आवश्यक हैं कि धमनी क्या होती हैं? और शिरा किसे कहते है। आज examenglishhindi.com आपको धमनी किसे कहते है ? शिरा किसे कहते है ? धमनी और शिरा में अंतर

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धमनी और शिरा में अंतर समझने से पहले हमें धमनी और शिरा के कार्य व परिभाषा को जानना होगा।

धमनी और शिरा में अंतर सभी कशेरुकी जंतुओं में शरीर की प्रत्येक कोशिका तक ऑक्सीजन तथा अन्य पोषक अवयव पहुंचाने तथा उन कोशिकाओं से मुक्त कार्बनडाइऑक्साइड एवं अन्य वेस्ट प्रोडक्ट को सम्बंधित अंगों तक पहुंचाने का कार्य रक्त परिसंचरण तंत्र यानि सर्कुलेटरी सिस्टम के द्वारा किया जाता है।

सर्कुलेटरी सिस्टम में ये सारे अवयव रक्त के माध्यम से पुरे शरीर में भ्रमण करते हैं। रक्त के परिसंचरण के लिए पुरे शरीर में रक्त नलिकाओं का एक जाल बिछा होता है। रक्त परिसंचरण तंत्र में मुख्य रूप से दो तरह की रक्त नलिकाएं होती हैं एक ह्रदय से शुद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में पहुंचाने का कार्य करती है तो दूसरी अशुद्ध रक्त या वर्ज्य पदार्थयुक्त रक्त को वापस लाने का कार्य करती है।

शुद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में पहुंचाने का कार्य करने वाली नलिकाओं को धमनी या आर्टरीज कहते हैं तथा अशुद्ध रक्त को वापस लाने का कार्य करने वाली रक्त नलिकाओं को शिरा या वैन्स कहते हैं।

शिरा किसे कहते हैं?

शिरा ऐसी रूधिर वाहिनियां होती हैं जिनमे अशुद्ध रक्त प्रवाहित होता है। अशुद्ध रक्त के कारण इनमें ऑक्सीजन की मात्रा कम व कॉर्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।

  • वेन्स या शिरा रक्त परिसंचरण तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो पुरे शरीर में रक्त के ट्रांसपोर्टेशन अपनी भूमिका निभाते हैं।
  • शिरा एक आंशिक रूप से पारदर्शी, देखने में नीली , पतली दीवारों वाली नलिकाकार संरचना होती है जो पुरे शरीर में पायी जाती है।
  • शिराएं पुरे शरीर से अशुद्ध रक्त यानि ऑक्सीजन रहित और कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त तथा अन्य वर्ज्य पदार्थों को ह्रदय तक लाने का कार्य करती हैं।
  • शिरा शरीर में प्रायः कम गहराई वाले हिस्से में यानि त्वचा के करीब स्थित होती और इन्हे शरीर के ऊपर से भी महसूस किया जा सकता है।

शिरा की विशेषता एवं संरचना
(Characterization and Structure of the Vein)

  • शिरा शरीर में प्रायः त्वचा के समीप कम गहराई वाले क्षेत्रों में पायी जाती है।
  • शिरा ऊपर से देखने पर नीले रंग की मालूम पड़ती है।
  • ऐसा उसमे अशुद्ध रक्त होने की वजह से दीखता है।
  • शिरा में रक्त की गति और दबाव काफी कम होता है।
  • शरीर में सबसे बड़ी शिरा vena cava कहलाती है।
  • इसके दो भाग होते हैं superior vena cava और inferior vena cava .
  • दिमाग, छाती, गर्दन तथा शरीर के ऊपरी हिस्से से रक्त superior vena cava द्वारा आता है वहीँ शरीर के निचले भाग से रक्त ह्रदय में inferior vena cava द्वारा आता है।
  • शरीर की सबसे छोटी शिरा venules कहलाती है।
  • शिराओं के अंदर भाग को lumen कहा जाता है।
  • शिराओं के अंदर जगह जगह वाल्व पाए जाते हैं जो रक्त को वापस नहीं जाने देते हैं।

शिराओं की दीवारें तीन परतों की बनी होती हैं

  1. Tunica externa : यह सबसे बाहरी परत होती है साथ ही सबसे मोटी भी। यह कनेक्टिव उत्तकों से बनी होती हैं। इस लेयर पर नन्ही नन्ही रक्त वाहिकाएं पायी जाती हैं जिन्हें vasa vasorum कहा जाता है।
  2. Tunica media : यह मध्यम परत है। यह अपेक्षाकृत पतली परत है जिसमे बड़ी मात्रा में collagen पाए जाते हैं।
  3. Tunica intima : यह सबसे अंदर वाली परत होती है। इसकी दीवारें endothelium कोशिकाओं और कनेक्टिव उत्तक से बनी होती हैं। इनकी दीवारों पर कई जगह खासकर हाथ और पैरों की शिराओं में कई वाल्व पाए जाते हैं। ये रक्त को वापस होने से रोकते हैं।

शिरा के प्रकार (Type of Vein)

  1. पल्मोनरी वेन्स : यह शिरा ह्रदय को फेफड़े से जोड़ती है और फेफड़ों से ऑक्सीजनयुक्त रक्त को ह्रदय तक ले आती है।
  2. सिस्टमिक वेन्स : इस तरह की शिराएं पुरे शरीर में स्थित होती हैं और ऑक्सीजन रहित रक्त को ह्रदय तक ले जाती हैं।

सिस्टमिक वेन्स तीन तरह की होती हैं

  1. डीप वेन्स : इस तरह की शिराएं मांसपेशियों के भीतर गहराई में हड्डियों के समीप होती है। इन शिराओं की सबसे भीतरी परत में वाल्व होते हैं जो रक्त को एक ही दिशा में जाने देते हैं।
  1. सुपरफिशल वेन्स : ये शिराएं शरीर के ऊपरी भाग में त्वचा के पास स्थित होती हैं। इन शिराओं में वाल्व बने होते हैं जो रक्त को वापस जाने से रोकते हैं।

  2. कनेक्टिंग वेन्स : सुपरफेशिअल वेन्स से अकसर कई अन्य वेन्स निकली होती हैं जो उन्हें डीप वेन्स से जोड़ती हैं। इन शिराओं को कनेक्टिंग वेन्स कहा जाता है।

शिरा के कार्य (Function of Veins)

  • शिरा शरीर की सभी कोशिकाओं से मुक्त कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य वर्ज्य पदार्थों का परिवहन करती है।
  • यह इन पदार्थों से युक्त रक्त को ह्रदय तक ले जाती है।
  • शरीर की सारी शिराओं का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है किन्तु इसका एक अपवाद है।
  • पल्मोनरी शिरा फेफड़ों से अन्य शिराओं के विपरीत शुद्ध यानि ऑक्सीजनयुक्त रक्त का परिवहन ह्रदय तक करती है।

पल्मोनरी शिरा किसे कहते हैं?

केवल पल्मोनरी शिरा ही ऐसी है जिसमें शुद्ध रक्त बहता है। ये फेफड़े से रक्त लेकर बाएं आलिंद तक पहुंचाती हैं।

धमनी किसे कहते हैं?

धमनी रक्त नलिका होती हैं। धमनी में शुद्ध रक्त बहता है। ये शुद्ध रक्त को हृदय से ले जाकर विभिन्न अंगों तक पहुंचाती हैं। धमनी में जो रक्त बहता है उसमें ऑक्सीजन अधिक मात्रा में होती है।

धमनी या आर्टरीज ऐसी रक्त नलिकाएं होती हैं जो ह्रदय से रक्त को शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं। धमनियां ह्रदय से शुद्ध रक्त अर्थात ऑक्सीजनयुक्त रक्त का परिवहन करती हैं और इन्हें शरीर के सभी हिस्सों में ले जाती हैं।

इसके साथ ही धमनियों के द्वारा पुरे शरीर में आवश्यक पोषक तत्व तथा अन्य अवयवों का भी परिवहन होता है। धमनी या आर्टरीज शरीर के ब्लड सर्क्युलेटरी सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं।

धमनी की संरचना (Structure of the Artery)

  • धमनियां प्रायः लाल रंग दिखती हैं। ये शरीर में काफी गहराई में पायी जाती हैं।
  • धमनियों की दीवारें मजबूत और सख्त होती हैं। इनके अंदर रक्त का दबाव या प्रेशर बहुत होता है।
  • एक स्वस्थ मनुष्य में यह 120 प्रति मिलीग्राम होता है
  • धमनियों की दीवारें काफी लचीली और शिरा की तुलना में पतली होती हैं।
  • धमनियों के अंदर का भाग जिसे ल्यूमेन कहा जाता है ,काफी संकरा होता है।
  • धमनिओं के अंदर वाल्व प्रायः नहीं पाए जाते हैं। धमनियों की दीवारें तीन तरह के टिशूज से बनी होती हैं।
  • सबसे बाहरी परत Tunica Adventitia मध्यम परत Tunica Media तथा सबसे अंदर की परत Tunica Intima कहलाती है।
  • शिरा की अपेक्षा धमनियों में सबसे बाहरी परत कम विकसित, मध्यम परत ज्यादा मोटी और मांसल होती हैं।
  • Tunica intima में एंडोथेलिअल सेल्स अपेक्षाकृत ज्यादा लम्बी होती हैं।

धमनियों के प्रकार (Types of Arteries)

धमनी के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं
1. इलास्टिक आर्टरीज : ये लचीली धमनियां होती हैं और इनकी मिडिल लेयर काफी मोटी होती हैं। इस तरह की धमनियां हर ह्रदय स्पंदन की प्रतिक्रिया में एक बार फैलती हैं।

2. मस्कुलर आर्टरीज : यह मध्यम आकार की धमनी होती है। यह इलास्टिक धमनी से रक्त को ग्रहण करती है।

3. आर्टेरियोल्स : ये सबसे छोटी आर्टरीज होती हैं। ये एकदम महीन महीन रक्त केशिकाओं में बँटी होती हैं। इनका कार्य रक्त को कोशिकाओं तक पहुँचाना होता है।

धमनी के कार्य (Function of Arterial)

  • धमनी का मुख्य कार्य रक्त को हृदय से लेकर पुरे शरीर में पहुँचाना होता है।
  • इस क्रम में वे ऑक्सीजनयुक्त रक्त यानि शुद्ध रक्त का परिवहन करती हैं और इस तरह से वे शरीर की प्रत्येक कोशिका तक ऑक्सीजन की आपूर्ति का माध्यम बनती हैं।
  • शरीर की सारी धमनियों का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है किन्तु इसका एक अपवाद है फुस्फुस यानि पल्मोनरी धमनी जो ह्रदय को फेफड़ों से जोड़ती है
  • अन्य धमनियों के विपरीत ह्रदय से अशुद्ध रक्त यानि कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को फेफड़ों तक पहुँचाती है।
  • फुस्फुस धमनी के ऐसा करने की वजह है और वह यह कि ह्रदय रक्त को इस धमनी के माध्यम से फेफड़े में कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त करने तथा नया ऑक्सीजन ग्रहण करने भेजता है।
  • धमनी के अन्य कार्यों में पुरे शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति करना तथा ब्लड के pH को मेन्टेनेंस करना भी होता है। साथ ही ये प्रोटीन इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं के परिसंचरण का कार्य के लिए भी जिम्मेदार हैं।

पल्मोनरी धमनी किसे कहते हैं?

पल्मोनरी धमनी एक ऐसी धमनी है जिसमें अशुद्ध रक्त बहता है। यह दाएं निलय से फेफड़े तक रक्त पहुंचाने का कार्य करती है।

धमनी और शिरा में अंतर (Difference Between Artery and Veins)

धमनीशिरा
धमनियों में रक्त हृदय से अंगों की ओर जाता हैशिराओं में रक्त अंगों से हृदय की ओर जाता है
धमनियों में ऑक्सीकृत रक्त होने के कारण लाल दिखाई देती हैशिराओ के रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति के कारण नीली दिखाई देती है
धमनियों में शुद्ध रक्त का प्रवाह होता हैशिराओं में अशुद्ध रक्त का प्रवाह होता है
धमनियों में भित्तियां मोटी और लचीली होती हैंशिराओं में भित्तियां कम मोटी अर्थात पतली तथा कम लचीली होती हैं
हृदय की धड़कन गति के कारण धमनियों में रक्त का प्रवाह अधिक तीव्र गति से होता हैशिराओं में रक्त का प्रवाह एक समान गति से होता है
धमनियों में अंदर की गुहा सकरी होती हैशिराओं में अंदर की गुहा चौड़ी होती है
धमनिया त्वचा से दूर अंदर की ओर स्थित होते हैंशिराएं त्वचा के निकट बाहर की ओर स्थित होती हैं
पल्मोनरी धमनी में अशुद्ध रक्त का प्रवाह होता हैपल्मोनरी शिरा में शुद्ध रक्त का प्रवाह होता है
धमनी में कपाट नहीं पाए जाते हैं तथा इनकी आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता हैं।शिराओं में कपाट पाए जाते हैं तथा इनके आयतन में परिवर्तन होता है।

उपसंहार (Epilogue)

  • धमनी और शिरा दोनों ही रक्त परिसंचरण तंत्र के महत्वपूर्ण भाग हैं।
  • दोनों ही रक्त वाहिकाओं का मूल कार्य यद्यपि रक्त परिवहन है तो भी दोनों रक्त परिवहन में अपनी अलग अलग भूमिका निभाती हैं।
  • धमनी जहाँ ह्रदय से शुद्ध ऑक्सीजन युक्त रक्त को पुरे शरीर में ले जाने का कार्य करती है वहीँ शिरा पुरे शरीर से अशुद्ध रक्त यानि ऑक्सीजन रहित रक्त को वापस ह्रदय तक लाती है।

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