Directions Name In Hindi And English | दिशाओं के नाम हिंदी में

हैलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको Directions Name In Hindi में दिशाओं के नाम (Dishaon Ke Naam Hindi) और उनका ज्योतिष वास्तुशास्त्र में importance बताया गया है। संसार में चार मुख्य direction है और प्रत्येक का अपना importance है। direction से ही किसी भी क्षेत्र विशेष को ज्ञात करते है।

किसी भी direction का पता लगाने के लिए दिशा सूचक यंत्र (Compass) का उपयोग किया जाता है। direction सूचक यंत्र पृथ्वी के magnetic field को फ़ॉलो करता है। यात्री North Pole और South Pole की direction का अनुमान लगाकर यात्रा करते है। तो आइये दोस्तों, दिशाओं के नाम Directions Name In Hindi) और उनके importance पर चर्चा करते है

Directions Name In Hindi And English (दिशाओं के नाम)

अंग्रेजी नामउच्चारणहिन्दी नाम
Eastईस्टपूर्व, पूरब
Westवेस्टपश्चिम
Northनॉर्थउत्तर
Southसाउथदक्षिण
North – Eastनॉर्थ ईस्टउत्तर – पूर्व
North – Westनॉर्थ वेस्टउत्तर – पश्चिम
South – Eastसाउथ ईस्टदक्षिण – पूर्व
South – Westसाउथ वेस्टदक्षिण – पश्चिम
Easternईस्टर्नपूर्वी, पूर्वीय
Western
वेस्टर्न
पश्चिमी, पाश्चात्य
Northern
नॉर्थर्न
उत्तरी, उत्तरीय
Southern
साउथर्न
दक्षिणी
Southernerसाउथर्नर
दक्षिणवासी
Southernmost
साउथर्नमोस्ट
सुदूर दक्षिणी
Left
लेफ्ट
बाएँ
Right
राइट
दाएँ
Up
अप
ऊपर
Down
डाउन
नीचे

Directions Name And Importance (दिशा का नाम और महत्व)

चार Directions Name In Hindi And English (Directions Name In Hindi) यहां पर स्कूल के बच्चों की education के उद्देश्य से बताने का प्रयास है। सूर्य उदय (sunrise) के वक्त आपका मुंह सूर्य की और है तो मुख के सामने की दिशा पूर्व है। आपके पीठ पीछे की दिशा पश्चिम, दाहिने और दक्षिण जबकि बायीं तरफ उत्तर दिशा होती है।

1. उत्तर दिशा (North Direction) – पृथ्वी की उत्तर direction में (North Pole) स्थित है। उत्तरी ध्रुव इसी direction को बताता है। धन के देवता कुबेर को उत्तर direction का दिग्पाल कहते है।

2. दक्षिण दिशा (South Direction) – दक्षिण direction में पृथ्वी का साउथ पोल स्थित है। बर्फीला महाद्वीप अंटार्कटिका भी दक्षिणी ध्रुव पर ही मौजूद है। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में दक्षिण direction का दिग्पाल यम देव को माना जाता है।

3. पूर्व दिशा (East Direction) – सूर्य हर रोज सुबह के वक्त पूर्व direction से उदय होता है। पूर्व दिशा को अंग्रेजी में “East Direction” भी कहते है। भगवान इंद्र को पूर्व Direction का दिग्पाल माना जाता है।

4. पश्चिम दिशा (West Direction) – हिन्दू धर्म में वरुण देव को पश्चिम Direction का दिग्पाल माना जाता है। सूर्य शाम के वक्त पश्चिम Direction में ही अस्त होता है।

इन चार मुख्य Direction के अलावा भी 4 दिशाएं और मानी जाती है। ये Direction इन मुख्य चार Direction से मिलकर बनी हुई है। जहाँ दो दिशाओं के कोण आपस में मिलते है वह एक Direction बनती है। यह कोण 45 डिग्री का होता है।

हिन्दू धार्मिक मान्यता और ज्योतिष के अनुसार Direction की संख्या 10 है। 8 मुख्य दिशाओं के अलावा आकाश और पाताल को अन्य दो दिशा मानते है। हिन्दू मान्यता में प्रत्येक Direction एक देवता को बताती है जिसे दिग्पाल कहते है। दिग्पाल का अर्थ दिशाओं की रक्षा करने वाला होता है। अंग्रेजी में कुल मुख्य चार Direction है और चार ही अन्य दिशाएं है।

5. उत्तर पूर्व (North – East) – हिन्दी में North-East को “ईशान कोण” कहा जाता है। यह Direction उत्तर और पूर्व दिशा के कोणों से मिलकर बनी होती है। ईशान कोण के दिग्पाल भगवान शिव को माना जाता है।

6. उत्तर पश्चिम (North – West) – इस Direction को हिन्दी में “वायव्य कोण” कहते है। उत्तर और पश्चिम दिशा से नॉर्थ वेस्ट Direction बनती है। वायव्य कोण के दिग्पाल पवन देव को माना जाता है।

7. दक्षिण पश्चिम (South – West) – इसे “नैत्रत्य दिशा” भी कहते है। यह Direction दक्षिण और पश्चिम Direction के कोणों से बनती है।

8. दक्षिण पूर्व (South – East) – “आग्नेय कोण” कहलाने वाली यह Direction अग्नि तत्व को दर्शाती है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि आग्नेय कोण दक्षिण और पूर्व Direction से बनता है।

ज्योतिष शास्त्र में इन दिशाओं के अलावा भी दो अन्य दिशाएं होती है।

9. आकाश (Sky) – आकाश को भी एक Direction उध्वर कहते है। आकाश Direction के दिग्पाल ब्रह्मा है।

10. पाताल (Hell) – इस Direction को अधो दिशा भी कहते है। ज्योतिष शास्त्र में पाताल के दिग्पाल शेषनाग को माना जाता है।

10 दिशाओं का वास्तुशास्त्र में भी महत्व है। उत्तर Direction में लोग वास्तु के मुताबिक दरवाजे और खिड़कियां रखते है। दक्षिण Direction में धन को रखना सर्वोत्तम माना जाता है। ईशान कोण में मंदिर होना शुभ होता है। पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होना अच्छा संकेत माना जाता है। वास्तुशास्त्र में अन्य दिशाओं का भी काफी महत्व है।

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Directions Name In Hindi And English :- अगर आपने Directions Name In Hindi And English को यहाँ तक पढ़ा है तो मुझे पूरी तरह उम्मीद है की आपको Directions Name In Hindi And English, अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा| इस Artical में अगर आपको कोई भी Problem हो तो हमें Comment के माध्यम से पूछ सकते है | अगर आपको यह Articalअच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे Directions Name In Hindi And English

Directions Name FAQ

आप उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम की पहचान कैसे करते हैं?

यह समझने के लिए कि उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम कहां हैं, सबसे पहले सुबह अपने बाएं हाथ को सूर्य की ओर इंगित करें। छवि: केटलीन डेम्पसी। अब अपना दाहिना हाथ लें और इसे पश्चिम की ओर इंगित करें। अब आपका मुख दक्षिण की ओर है और आपकी पीठ उत्तर की ओर है।

पूर्व दाएं या बाएं है?

अधिकांश मानचित्र उत्तर को सबसे ऊपर और दक्षिण को सबसे नीचे दिखाते हैं। बाईं ओर पश्चिम है और दाईं ओर पूर्व है।

हमें किस दिशा में नहीं सोना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की अनुशंसित दिशा यह है कि आप अपने सिर को दक्षिण की ओर करके लेट जाएं। उत्तर से दक्षिण शरीर की स्थिति सबसे खराब दिशा मानी जाती है।

क्या पूर्व का मतलब सही है?

मार्गदर्शन। परंपरा के अनुसार, मानचित्र का दाहिना भाग पूर्व की ओर होता है। यह सम्मेलन एक कंपास के उपयोग से विकसित हुआ है, जो उत्तर को शीर्ष पर रखता है। नेविगेशन के लिए कंपास का उपयोग करके पूर्व की ओर जाने के लिए, एक असर या अज़ीमुथ 90° सेट करता है।

बिस्तर का मुख किस दिशा में होना चाहिए?

फेंगशुई के अनुसार, यदि आप अपने बिस्तर को एक निश्चित दिशा में रखते हैं तो आपको कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए, आप सर्वोत्तम परिणामों के लिए अपना बिस्तर पूर्व, दक्षिण पूर्व, पश्चिम, उत्तर पश्चिम या दक्षिण पश्चिम की ओर रख सकते हैं। पश्चिम: जब आप पश्चिम की ओर अपने बिस्तर का सामना करते हैं, तो आप एक अच्छी रात की नींद के लिए सबसे अच्छी स्थिति बनाते हैं।

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