Microeconomics in Hindi | सूक्ष्मअर्थशास्त्र किसे कहते हैं?

Hello Friends आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग Examenglishhindi.Com में आज के इस Article में हम पढ़ेंगे की Microeconomics in Hindi | सूक्ष्मअर्थशास्त्र किसे कहते हैं?, सूक्ष्मअर्थशास्त्र किसे कहते हैं? (What is Microeconomics in Hindi), माइक्रोइकोनॉमिक्स को समझना (Understanding Microeconomics), माइक्रोइकोनॉमिक्स के उपयोग (Uses of Microeconomics), सूक्ष्मअर्थशास्त्र के प्रकार (Types of Micro Economics), अर्थशास्त्र की प्रकृति (Nature of Econonmics) तो चलिए शुरू करते है – Microeconomics in Hindi

सूक्ष्मअर्थशास्त्र किसे कहते हैं? (What is Microeconomics in Hindi)

सूक्ष्मअर्थशास्त्र (Microeconomics) अर्थशास्त्र की एक शाखा है जो यह अध्ययन करता है कि किस प्रकार अर्थव्यवस्था के व्यक्तिगत अवयव, परिवार एवं फर्म, विशिष्ट रूप से उन बाजारों में सीमित संसाधनों के आवंटन का निर्णय करते हैं, जहां वस्तुएं एवं सेवाएं खरीदी एवं बेचीं जाती हैं।

सूक्ष्म अर्थशास्त्र (Microeconomics) यह Testing करता है कि ये निर्णय एवं व्यवहार किस प्रकार वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति एवं मांगों को प्रभावित करते हैं, जो मूल्यों का निर्धारण करती हैं और किस प्रकार, इसके बदले में, मूल्य, वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति एवं मांगों को निर्धारित करती है।

Microeconomics प्रदर्शित करता है कि किस प्रकार और क्यों विभिन्न वस्तुओं के अलग-अलग मूल्य होते हैं, किस प्रकार Individuals And Companies दक्ष Production And Exchange का संचालन करते हैं और उनसे लाभ उठाते हैं

किस प्रकार Individuals सर्वश्रेष्ठ तरीके से एक दूसरे के साथ समन्वय और सहयोग (Cordinate and Coperate) करते हैं।

साधारणतया Macroeconomics, वृहद अर्थशास्त्र की तुलना में अधिक पूर्ण और विस्तृत समझ उपलब्ध कराती है।

माइक्रोइकोनॉमिक्स को समझना (Understanding Microeconomics)

Microeconomics इसका अध्ययन करता है कि जब Individuals Incentives, Prices, Resources और Production की पद्धतियों में बदलाव के प्रत्युत्तर में choice करते हैं तो क्या होने की संभावना है।

माइक्रोइकोनॉमिक्स के उपयोग (Uses of Microeconomics)

Microeconomics को Positive या Criteria के अर्थ में लागू किया जा सकता है।

Positive Microeconomics आर्थिक व्यवहार की व्याख्या करता है और बताता है कि कुछ खास स्थितियों के बदलाव में क्या उम्मीद की जानी चाहिए।

अगर कोई Manufacturer कार की कीमतों में बढ़ोतरी करता है तो Positive Microeconomics कहता है कि उपभोक्ता पहले की तुलना में कम खरीद करने की ओर प्रवृत्त होंगे।

अगर Copper का कोई Mine Collapsed हो जाता है तो Copper की कीमत बढ़ जाएगी क्योंकि आपूर्ति सीमित हो जाएगी।

मुख्य बातें

Macroeconomics Production, Exchange और Consumption के संसाधनों के Allotment के लिए Individuals और Companies के निर्णयों का अध्ययन करता है।

Microeconomics Allotment में Price और Production व विभिन्न बाजारों के बीच परस्पर संपर्क से संबंधित है लेकिन Microeconomics के Economy-Wide समुच्चय यानी Aggregates का अध्ययन नहीं करता।

Microeconomics Logical और Observed मानव व्यवहार पर आधारित विभिन्न प्रकार के Models का निर्माण करता है और Real World Observations के Against Models की जांच करता है।

सूक्ष्मअर्थशास्त्र के प्रकार (Types of Micro Economics)

व्यष्टि अर्थशास्त्र 3 प्रकार का होता है-

1. व्यष्टि स्थैतिकी (Microstatics)
2. तुलनात्मक सूक्ष्म स्थैतिकी (Comparative Microstatics)
3. सूक्ष्म प्रोद्योगिकी (Microtechnology)

1. व्यष्टि स्थैतिकी (Microstatics):

व्यष्टि स्थैतिकी (Microstatics) व्यष्टि स्थैतिकी विश्लेषण में किसी दी हुइ समयावधि में सतुंलन की विभिन्न सूक्ष्म मात्राओं के पारस्परिक संबंधों की व्याख्या की जाती है।

2. तुलनात्मक सूक्ष्म स्थैतिकी (Comparative Microstatics):

तुलनात्मक सूक्षम स्थैतिकी तुलनात्मक सूक्षम स्थैतिकी विश्लेषण विभिन्न समय बिन्दुओं पर विभिन्न संतुलनों का तुलनात्मक अध्ययन करता है, परंतु यह नये व पुराने संतुलन के बीच के संक्रमण काल पर प्रकाश नहीं डालता है।

3. सूक्ष्म प्रोद्योगिकी (Microtechnology):

सूक्ष्म प्रौद्योगिकी यह विश्लेषण पुराने एवं नये सतुंलन को बताती है।

अर्थशास्त्र की प्रकृति (Nature of Econonmics)

Economics आमतौर पर खुद को Macroeconomic मानते हैं।Macroeconomic और Macroeconomic के बीच अंतर 1933 में Norwegian Economist रगनार फ्रिस्क द्वारा पेश किया गया था, जो 1969 में Economic Sciences में पहले Nobel Memorial Prize के सह-प्राप्तकर्ता थे।

उपभोक्ता मांग सिद्धांत (Consumer Demand Theory)

Consumer Demand Theory उपभोग व्यय के लिए वस्तुओं और सेवाओं दोनों की खपत के लिए वरीयताओं से संबंधित है अंत में, वरीयताओं और उपभोग व्यय के बीच इस संबंध का उपयोग उपभोक्ता मांग घटता को वरीयता देने के लिए किया जाता है।

उत्पादन सिद्धांत (Production Principle)

Production Principle उत्पादन या Inputs को Outputs में बदलने की Economic Process का अध्ययन है। उत्पादन एक अच्छी या सेवा बनाने के लिए संसाधनों का उपयोग करता है जो उपहार Economic में उपयोग, उपहार देने या बाजार Economic में विनिमय के लिए उपयुक्त है।

मूल्य का उत्पादन सिद्धांत (Production Theory of Value)

मूल्य के उत्पादन का Theory बताता है कि किसी वस्तु या स्थिति की कीमत का निर्धारण उस संसाधन की लागत के योग से होता है जो इसे बनाने में गया था। लागत में उत्पादन के किसी भी कारक और कराधान शामिल हो सकते हैं।

अवसर लागत (Opportunity Cost)

अवसर की लागत समय की कमी के विचार से निकटता से संबंधित है। एक समय में केवल एक ही कार्य कर सकता है, जिसका अर्थ है कि, अनिवार्य रूप से, एक व्यक्ति हमेशा अन्य चीजों को छोड़ रहा है। किसी भी गतिविधि की अवसर लागत अगले-सर्वोत्तम वैकल्पिक चीज का मूल्य है जो उसके बजाय किया जा सकता है।

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Microeconomics in Hindi :- अगर आपने Microeconomics in Hindi को यहाँ तक पढ़ा है तो मुझे पूरी तरह उम्मीद है की आपको Microeconomics in Hindi अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा| इस Artical में अगर आपको कोई भी Problem हो तो हमें Comment के माध्यम से पूछ सकते है | अगर आपको यह Artical अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे Microeconomics in Hindi

Microeconomics in Hindi FAQ

व्यष्टि और समष्टि शब्द का प्रयोग कब हुआ?

सन् 1934 में

व्यष्टि अर्थशास्त्र की विशेषताएं क्या है?

व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत आय, व्यक्तिगत उत्पादन और व्यक्तिगत उपभोग की व्याख्या मे सहायता करता है। इसका संबंध समूहों या व्यापारिक स्थितियों से नही है। व्यष्टि अर्थशास्त्र मे एक इकाई का रूप इतना छोटा होता है कि इसके द्वारा किये गये परिवर्तन का सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था पर कोई विशेष प्रभाव नही पड़ता है।

व्यष्टि और समष्टि क्या है?

वर्तमान में अर्थशास्त्र का अध्ययन दो भागों में किया जाता है-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। व्यष्टि का अर्थ है-छोटा, सूक्ष्म। अतः जब अध्ययन अथवा समस्या एक इकाई या अर्थव्यवस्था के एक भाग से संबंधित होती है तो इस अध्ययन विषय को व्यष्टि अर्थशास्ज्ञत्र कहा जाता है। समष्टि का अर्थ है-बड़ा।

समष्टि अर्थशास्त्र क्या है इसके महत्व एवं सीमाओं की विवेचना कीजिए?

अत: समष्टि अर्थशास्त्र विश्लेषण की सहायता से पूर्ण रोजगार, व्यापार चक्र आदि जटिल समस्याओं का अध्ययन हो जाता है। 2. आर्थिक नीतियों के निर्माण में सहायक- सरकार का प्रमुख कार्य कुल रोजगार, कुल आय, सामान्य कीमत-स्तर, व्यापार के सामान्य-स्तर आदि पर नियंत्रण करना होता है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाएं कौन सी हैं?

व्यष्टि अर्थशास्त्र यानी सूक्ष्मअर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की एक शाखा है जो यह अध्ययन करता है कि किस प्रकार अर्थव्यवस्था के व्यक्तिगत अवयव, परिवार एवं फर्म, विशिष्ट रूप से उन बाजारों में सीमित संसाधनों के आवंटन का निर्णय करते हैं, जहां वस्तुएं एवं सेवाएं खरीदी एवं बेचीं जाती हैं।

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