आप सब यहाँ poshan kise kahate hai का Branches और सभी Definition के बारें में पढ़ सकते हैं।आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से | poshan kise kahate hai का Branches और के सभी भाग के बारे में संपूर्ण जानकारी Hindi में आपको प्रदान करेंगे।
इस पोस्ट में हम poshan kise kahate hai है | को समझाने के लिए poshan kise kahate hai की परिभाषा के माध्यम से और Branches और जो कि Hindi में हैं इनकी सहायता से आपको समझाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
पोषण किसे कहते हैं? (What is nutrition?)
(poshan kise kahate hai) पोषण का सरल अर्थ है- पालना। भोजन का अंतःग्रहण और उसका पाचन और उसके उपयोग द्वारा शरीर निर्माण, जैविक क्रियाओं का कुशल निष्पादन एवं विकास को सम्मिलित रूप से पोषण कहते हैं जीवो पोषण करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।
दूसरे शब्दों में कहें तो भोजन का खाना और उस भोजन को पचा कर भोजन से प्राप्त उर्जा और पोषक तत्वों का प्रयोग कर स्वयं के शरीर की मरम्मत करना पोषण कहलाता है।
पोषण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
(poshan kise kahate hai) पोषण की आवश्यकता हमें निम्न कारणों से पड़ती है-
- उर्ज़ा के लिए
- शरीर की वृद्धि के लिए
- शरीर के रखरखाव तथा मरम्मत के लिए
- रोगों से लड़ने के लिए
(poshan kise kahate hai) पोषण के आधार पर जीवों के कितने प्रकार होते हैं?
पोषण के आधार पर जीवों के मुख्यतः दो प्रकार होते है-
1. स्वपोषी पोषण (Autotrophic nutrition)
2. परपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)
स्वपोषी पोषण किसे कहते हैं?
यह पोषण केवल हरे भरे पेड़-पौधों में होता है। इस पोषण के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड, सुर्य का प्रकाश एवं जल आवश्यक है। इसमें भोजन की पाचन की आवश्यकता नही होती है।
स्वपोषी प्रक्रिया (Autrophic Nutrition Process)
(poshan kise kahate hai) प्रकाश संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जो पौधों में कभी-कभी नहीं, बल्कि हर रोज़ चलती है। कार्बन डाइऔक्साइड के तत्व को हवा से प्राप्त किया जाता है और पानी को मिट्टी से।
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को गहराई से जानने के लिए यहाँ दिए गए लिंक पर क्लिक करें। (प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया क्या है? photosynthesis in hindi)
धूप की किरणों से, पौधे में उचित केमिकल रीएक्शन होते हैं – और ये तब मुमकिन होता है, जब क्लोरोफिल इन धूप की किरणों को ग्रहण करे।
सबसे पहले तो, पौधे के पत्तों तक कार्बन डाइऔक्साइड का तत्व, बारीक पोर्स के द्वारा पहुँचता है। इन पोर्स को स्टोमैटा कहते हैं। ये पत्तों के ऊपर ही पाए जाते हैं, और अधिक पोर्स से घिरे हुए होते हैं। इन अधिक पोर्स को गार्ड सैल्स कहते हैं।
दुसरी ओर, मिट्टी की मदद से, जड़ें और तना से जाते हुए, पत्तों तक पानी पहुँचता है।
फोटोसिंथेसिस के इस प्रक्रिया के अंत में औक्सीजन और ग्लूकोस बनता है।
बचे हुए ग्लूकोस को स्टार्च में बदला जाता है, जिसे हम कार्बोहाइड्रेट्स कहते हैं। ये तत्व, पत्तों में स्टोर किया जाता है।
कम शब्दों में, प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कुछ ऐसी है:
(poshan kise kahate hai) क्लोरोफिल द्वारा धूप की किरणों का ग्रहण होना।
धूप की किरणों से केमिकल रीएक्शन का होना, और, औक्सीजन और ग्लूकोस का बनना।
ग्लूकोस से कार्बोहाइड्रेट्स का बदलाव।
गार्ड कोशिका (Guard Cells)
(poshan kise kahate hai) जैसा की पहले बताया गया है, गार्ड सैल्स वो पोर्स होते हैं जो स्टोमैटा के इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इनकी मदद से:
जब पानी इन तक पहुँचता है, तो ये सूझ जाते हैं और स्टोमैटा खुल जाता है।
जब पानी इनसे बाहर निकलता है, तो ये छोटे हो जाते हैं और स्टोमैटा बंद हो जाता है।
स्टोमैटा क़े खुलने और बंद होने के आधार पर ही पौधे में अनेक तत्वों का मिलन हो पाता है। इसलिए फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया में गार्ड सैल्स और स्टोमैटा का भी बड़ा काम है।
चौड़े पत्तों में, स्टोमैटा पत्ते के नीचले हिस्से में पाए जाते हैं, और पतले पत्तों में, स्टोमैटा ऊपरी और नीचले हिस्से में पाए जाते हैं।
परपोषी किसे कहते हैं?
(poshan kise kahate hai) वे जीव जो स्वपोषियों एवं अन्य सजिवों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं, परपोषी जीव कहलाते है तथा पोषण की यह क्रिया परपोषण कहलाता हैं।
इसे विषमपोषी पोषण भी कहते है
परपोषी पोषण के उदाहरण
(Examples of Heterotrophic Nutrition in Hindi)
(poshan kise kahate hai) परपोषी पोषक मुख्य रूप से मानव और जानवर होते हैं। इसमें कुत्ते, बिल्ली, इंसान, शेर, बाकि आदि शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ पौधे भी परपोषी होते हैं। उदाहरण के तौर पर, पिचर का पौधा परपोषी होता है। यह कीड़े-मकोड़ों को खाता है।
लेकिन ज्यादातर हरे पेड़-पौधे अपना भोजन खुद बनाते हैं और इसलिए स्वपोषी होते हैं।
परपोषी पोषण के प्रकार
(Types of Heterotrophic Nutrition)
परपोषी पोषण को और भी तीन तरह में बाँट सकते हैं:
1. होलोजोइक पोषण (Holozoic Nutrition)
2. सैप्रोफाइटिक पोषण (Saprophytic Nutrition)
3. पैरासिटिक पोषण (Parasitic Nutrition)
होलोज़ोइक पोषण (Holozoic Nutrition)
(poshan kise kahate hai) इस पोषण का नाम एक ग्रीक शब्द से लिया गया है, जहाँ होलोज़ का अर्थ है पूरा, और ज़ून का अर्थ है जानवर। यहाँ, खाना मुँह के ज़रिए अंदर जाता है, और इसे हम इंजेशन कहते हैं।
खाने के बाद, खाने के तत्व और भी सरल बन जाते हैं जिसे हम कहते हैं डाइजेशन। अंत में, सारे आवश्यक तत्व हमारे शरीर तक पहुँच जाते हैं और सारे अनावश्यक तत्वों को, हमारे शरीर से निकाल दिया जाता है।
(poshan kise kahate hai) इस पूरे प्रक्रिया को, जो अनावश्यक तत्वों को हमारे शरीर से बाहर निकालती है, उसे हम इजेशन कहते हैं। इस तरह के पोषण में, यानी होलोज़ोइक पोषण में, इंजेशन, डाइजेशन और इजेशन की सारी प्रक्रियाएँ पाईं जाती है।
सैप्रोफाइटिक पोषण (Saprophytic Nutrition)
(poshan kise kahate hai) सैप्रोफाइटिक पोषण का नाम भी एक ग्रीक शब्द से लिया गया है, जहाँ सैप्रो का अर्थ है सड़ा हुआ, और फाइटो का अर्थ है पौधे। इस तरह के पोषण में जीव के सड़े हुए और मरे हुए और्गानिक तत्वों को डीकम्पोज़ किया जाता है।
मश्रूम, ईस्ट, और मोल्ड जैसे फुई इस तरह का पोषण अपनाते हैं। सैप्रोफाइटिक पोषण वातावरण को साफ रखता है, लेकिन ब्रेड, केक आदि जैसे खान-पान की खराबी का कारण भी बन सकता है।
पैरासिटिक पोषण (Parasitic Nutrition)
पैरासिटिक भी एक ग्रीक शब्द से लिया गया है। पैरा का अर्थ है खाना, और साइट का अर्थ है दाने। इस तरह का पोषण एक ऐसा पोषण है जहाँ एक जीव, जिसे पैरासाइट कहते हैं, किसी दुसरे जीव के अंदर या ऊपर बैठ जाता है। इस दूसरे जीव को हम होस्ट कहते हैं। इसका एक उदाहरण है – हुक वर्म।
(poshan kise kahate hai) ये जीव इंसानो के पेट में रहते हैं और इनके आंत को ही अपना खाना समझते हुए, बिना इंजेशन या इजेशन के, खा जाते हैं। ऐसा पोषण, उन जीव में पाए जाते हैं जिन्हें ठीक तरह के अंग नहीं होते, और वो अपने होस्ट पर पूरी तरह से निर्भर होते हैं। टेप वर्म, लीच, और प्लैस्मोडिअम जैसे जीव इस तरह के पोषण के शिकार हैं।
(poshan kise kahate hai) कभी-कभी कुछ जीव अपने होस्ट के अंदर नहीं बल्कि उनकी चमड़ी पर बैठकर इस पूरे प्रक्रिया को आकार देते हैं। मच्छर और लीच इस तरह के जीव के लिए एकदम सही उदाहरण हैं, जहाँ वो अपने होस्ट की चमड़ी पर बैठकर, उनका खून चूस लेते हैं। ऐसे जीव को एक्टोपैरसाइट कहते हैं।
(poshan kise kahate hai) हैटीरोट्रोफिक पोषण के आधार पर जानवरों और पौधों को ऊपर बताए गए पोषण के तरीकों में बाँटा जा सकता है, और ये हमारे ईकोसिस्टम के कंस्युमर्स कहलाते हैं।
परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली क्या है?
(poshan kise kahate hai) कार्बन डाइऑक्साइड और पानी जैसी सरल जैविक सामग्री से, जानवर अपना भोजन बनाने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं. इस प्रकार की प्रणाली को परपोषी पोषण प्रणाली कहा जाता है.
इसलिए, भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहने वाले जीवों को हेटरोट्रॉफ़्स या ‘परपोषी’ (Heterotrophs) के रूप में जाना जाता है. उदाहरण मनुष्य, कुत्ते, बिल्ली, इत्यादि, और यीस्ट जैसे कुछ गैर-हरे पौधे (Non-Green Plants). मूल रूप से, हेटरोट्रॉफ़ अपने भोजन के लिए पौधों या अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं.
स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली के बीच अंतर
1. स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स प्लांट किंगडम के सदस्य होते हैं और साइनोबैक्टीरिया जैसे कुछ एककोशिकीय (Unicellular) जीव हैं. | 1. परपोषी या हेटेरोट्रोफ़ सभी जानवरों के साम्राज्य (Animal Kingdom) के सदस्य होते हैं. |
2. स्वपोषी में पोषण का तरीका यह है कि वे उत्पादक (Producers) हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के साथ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं. | 2. जबकि परपोषी या हेटरोट्रॉफ़ में पोषण का तरीका यह है कि वे उपभोक्ता (Consumers) हैं जो अपने भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं. |
3. ऑटोट्रॉफ़्स को फोटोऑटोट्रॉफ़्स (Photoautotrophs) और केमोआटूटोट्रॉफ़्स (Chemoautotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है. | 3. हेटरोट्रॉफ़्स को फोटोहेटरोट्रॉफ़्स (Photoheterotrophs) और केमोहेटरोट्रोफ़्स (Chemoheterotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है. |
4. खाद्य श्रृंखला (Food Chain) में, ऑटोट्रॉफ़ सबसे कम ट्रॉफिक लेवल (Trophic Level) बनाते हैं | 4. हेटरोट्रॉफ़ दूसरे या तीसरे ट्रॉफ़िक स्तर (Trophic Level) बनाते हैं. |
5. ऑटोट्रॉफ़ उत्पादक के रूप में कार्य करते हैं | 5. हेटरोट्रोफ़ उपभोक्ताओं के रूप में कार्य करते हैं. |
6. कुछ ऑटोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा को संग्रहीत किया जा सकता है, | 6. हेटरोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा भंडारण या उपयोग संभव नहीं है. |
7. ऑटोट्रॉफ़्स में, क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) भोजन तैयार करने में मदद करता है | 7. हेटरोट्रॉफ़्स में क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है इसलिए वे अपना भोजन तैयार नहीं कर पाते हैं. |
8. ऑटोट्रॉफ़्स प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके अकार्बनिक स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करते है | 8. हेटरोट्रोफ़ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अन्य जीवों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं. |
9. ऑटोट्रॉफ़ अपने स्थान से नहीं जा सकते हैं यानी वह अपने स्थान पर ही रहते हैं | 9. भोजन और आश्रय की तलाश में हेटरोट्रोफ़ एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं. |
10. ऑटोट्रोफ्स के उदाहरण हरे पौधे, शैवाल और कुछ प्रकाश संश्लेषक जीवाणु हैं. | 10. हेटरोट्रॉफ़ के उदाहरण हैं गाय, भैंस, बाघ, इंसान, इत्याद्दी. |
इसलिए, स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स और परपोषी या हेटरोट्रॉफ़्स के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्वपोषी प्रकाश संश्लेषण की मदद से अपना भोजन बनाने में सक्षम होते हैं जबकि परपोषी नहीं.
1. पोषण क्या है?
पोषण आहार-तत्व सम्बन्धी विज्ञान है। यह एक नर्इ विचारधारा है, जिसका जन्म मूलत: शरीर विज्ञान तथा रसायन विज्ञान से हुआ है। आहार तत्वों द्वारा मनुष्य के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन एवं विश्लेषण इसका मुख्य विषय है। दूसरे शब्दों में शरीर आहार सम्बन्धी सभी प्रक्रियाओं का नाम ही पोषण है।
2. पोषण शिक्षा क्या है?
पोषण शिक्षा तथा घरेलू स्तर पर फल एवं सब्जियों के परिरक्षण के लिये प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। पोषण शिक्षा और फल एवं सब्जियों के परिरक्षण के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
3. पोषण आहार क्या है?
संतुलित आहार वह होता है, जिसमें प्रचुर और उचित मात्रा में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होते है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और तंदुरूस्ती/आरोग्यता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त रूप से मिलते हैं तथा संपूरक पोषक तत्व कम अवधि की कमजोरी दूर करने की एक न्यून व्यवस्था है।
4. पोषण औषध क्या है इसके दो उदाहरण दीजिए?
पोषण औषध वे पदार्थ हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। ये प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के भाग हो सकते हैं अथवा ऐसे निर्मित खाद्य उत्पाद हो सकते हैं जिनमें स्वास्थ्य लाभ के लिए विशिष्ट पदार्थ मिलाए जाते हैं। चिकित्सीय खाद्य पदार्थ वे उत्पाद हैं जो विशिष्ट आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए विशेषरूप से तैयार किए जाते हैं।
5. जंतुओं में पोषण प्रणाली के निम्नलिखित पाँच चरण पाये जाते हैं:
(I) अंतर्ग्रहण (Ingestion)
(II) पाचन (Digestion)
(III) अवशोषण (Absorption)
(IV) स्वांगीकरण (Assimilation)
(V) बहिष्करण (Egestion)
6. पोषण क्यों आवश्यक है?
शरीर की वृद्धि में सहायता करता है। फटे हुए और टूटी-फूटी कोशिकाओं तथा उनको मरम्मत में सहायता करता है। पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन प्राप्त करते हैं, भोजन को साधारण रूप से अवशोषित होने वाले रूप में बदलते हैं, फिर इनका प्रयोग शरीर के लिए आवश्यक पदार्थों को बनाने में करते हैं।
7. कितना पोषण मानव शरीर के लिए आवश्यक?
कितना पोषण है जरूरी
इंडियन कांउसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने एक व्यक्ति के लिए कितना पोषण जरूरी है उसे कैलोरी के अनुसार मापदंड तय किया है। आईसीएमआर के मुताबिक एक औसत भारतीय के लिए भारी काम करने वालों के लिए रोजाना 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति और कम शारीरिक श्रम करने वाले लोगों के लिए 2100 कैलोरी पोषण जरूरी है।
8. पोषण की कमी व अधिक खाने से कौन सी स्थिति पैदा होती है?
अर्ध-विकार्य जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थं एक से दो हफ्ते तक खराब नहीं होते हैं, जैसे- फल सब्जियाँ आदि। अविकार्य खराब न होने वाले खाद्य पदार्थ को हम एक साल तक खा सकते हैं, जैसे -अनाज चावल गेंहू आदि। संसाधित खाद्य पदार्थों द्वारा जीवाणुओं की वृद्धि कम की जा सकती है, साथ ही साथ खाना खराब होने से बचाया जा सकता है
9. संतुलित आहार व पोषण से क्या तात्पर्य है?
जिस भोजन में हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व हों वह संतुलित आहार कहलाता है। जानिए हमें कैसे Balanced Diet मिल सकती है।
प्रोटीन : प्रोटीन हमारे शरीर में होने वाली टूट-फूट की मरम्मत और शरीर का विकास करता है। …
विटामिन और मिनरल: ताजे फलों और सब्जियों से हमें जरूरी विटामिन और मिनरल या खनिज पदार्थ मिलते हैं।
10. पूरक पोषण क्या होता है?
आँगनवाडी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष के आयु के सामान्य एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को गर्म पके हुए भोजन (105 ग्राम) के साथ-साथ नाश्ता भी दिया जाता हैं ।
11. परपोषी क्या है परपोषी के उदाहरण दीजिए?
इस प्रकार की प्रणाली को परपोषी पोषण प्रणाली कहा जाता है. इसलिए, भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहने वाले जीवों को हेटरोट्रॉफ़्स या ‘परपोषी’ (Heterotrophs) के रूप में जाना जाता है. उदाहरण मनुष्य, कुत्ते, बिल्ली, इत्यादि, और यीस्ट जैसे कुछ गैर-हरे पौधे
12. पोषण कितने प्रकार के होते हैं हिंदी में?
पोषक तत्व मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं:-
कार्बोहाइड्रेट
वसा
प्रोटीन
विटामिन्स
जल
खनिज
13. विषमपोषी का क्या मतलब है?
“हेट्रो (Hetero)” का अर्थ होता है “दूसरा या अन्य” तथा “ट्रॉप्स (Trophs)” का अर्थ होता है “पोषण” अर्थात दूसरे या अन्य से पोषण. अत: वे जीव जो पोषण के लिये दूसरे जीव पर निर्भर होते हैं, हेट्रोट्रॉप्स (Heterotrophs), अर्थात “विषमपोषी” कहलाते हैं. … जैसे- एककोशिक जीव भोजन को शरीर के संपूर्ण सतह से लेते हैं, जैसे अमीबा.
14. पैरामीशियम में पोषण कैसे होता है?
पैरामिसियम एक एक कोशिकीय प्रोटोजोआ संघ का प्राणी है। इसमें सत्यकेन्द्रक का अभाव होता है। यह सिलिया की सहायता से गति करता है। ये साइटोपाईज नामक अंग से अपशिष्ट पदार्थों को त्याग करता हैं।
15. जीवो में पोषण की प्रमुख विधियां कौन कौन सी है?
जीवित प्राणियों में पोषण के दो तरीके हैं ऑटोट्रॉफ़िक और हेट्रोट्रोफ़िक।
16. पोषण क्या है जीवन में होने वाले विभिन्न पोषण विधियों का वर्णन करें?
जब जीव अपने शरीर की आवश्यकता के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को भोजन के रूप में ग्रहण करता है तो उसे पोषण कहते हैं। स्वपोषी पोषण भी मुख्यतः दो प्रकार का होता है। कीमोआटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन-इस प्रकार के पोषण में जंतु रसायनों का प्रयोग करके अपने शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा की उत्पत्ति स्वयं करता है।
17. पोषण की दृष्टि से जंतुओं को क्या कहा जाता है?
पोषण की दृष्टि से जंतुओं को क्या कहा जाता है
जन्तुओं में पोषण वसा (Facts) इनका सर्वप्रथम अध्ययन डॉ. ब्लूर ने किया था, इनके अनुसार ये कार्बनिक वृहद अणु होते है। … 1Glycerol +3 Fatty Acid → Fats जल में अघुलनशील होते है परन्तु क्लोरोफार्म (CHCI3), Benzene (C6H6), पेट्रोलियम आदि में घुलनशील होता है।
18. पोषक तत्व कितने प्रकार के होते हैं?
परिचय
मुख्य पोषक तत्व- नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश।
गौण पोषक तत्व- कैल्सियम, मैग्नीशियम एवं गन्धक।
सूक्ष्म पोषक तत्व- लोहा, जिंक, कॉपर, मैग्नीज, है। मोलिब्डेनम, बोरान एवं क्लोरीन।।
19. पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्व कौन कौन से हैं?
सूक्ष्म पोषक तत्व-लोहा, जिंक, कापर, मैग्नीज, मालिब्डेनम, बोरान एवं क्लोरीन. पौधों के सामान्य विकास एवं वृद्धि हेतु कुल 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इनमें से किसी एक पोषक तत्व की कमी होने पर पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और भरपूर फसल नहीं मिलती .
20. हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्व कौन कौन से हैं?
हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज-लवण हैं। इनके अतिरिक्त भोजन में आहारी रेशे तथा जल भी होता है। कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं। प्रोटीन तथा खनिज-लवण की आवश्यकता हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिए होती है।
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poshan kise kahate hai पोषण क्या है | :- आशा करता हूं कि हमारे द्वारा डाली गई यह पोस्ट जो कि पोषण क्या है (poshan kise kahate hai) को स्पष्ट रुप से बताने के लिए डाली गई है, आपको पढ़ने के बाद अच्छी लगी होगी।
poshan kise kahate hai जिससे आप को समझने में आसानी हो और आपको पोषण क्या है को समझने में किसी भी प्रकार की परेशानी आ रही है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से आप उस समस्या को हमसे पूछ सकते है