Randhra Kya Hai | Definition Diagram Function रंध्र क्या हैं

आप सब यहाँ Randhra Kya Hai का Branches और सभी Definition के बारें में पढ़ सकते हैं।आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से |Randhra Kya Hai का Branches और के सभी भाग के बारे में संपूर्ण जानकारी Hindi में आपको प्रदान करेंगे।

इस पोस्ट में हम Randhra Kya Hai है | को समझाने के लिए Randhra Kya Hai की परिभाषा के माध्यम से और Branches और जो कि Hindi में हैं इनकी सहायता से आपको समझाने का भरपूर प्रयास करेंगे।

रंध्र किसे कहते है

यद्यपि हम देखते हैं कि पौधे सामान्य रूप से विकसित होते हैं, फिर भी उन्हें निरंतर आधार पर सामना करने की बड़ी दुविधा होती है।

(Randhra Kya Hai) उन्हें प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से जितना संभव हो उतना कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए और जितना संभव हो उतना पानी बनाए रखना चाहिए।

वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के लिए, उन्हें उन अंगों की आवश्यकता होती है, जिन्हें जाना जाता है रंध्र। ये विशेष कोशिकाएं हैं जो पौधों के एपिडर्मिस में पाई जाती हैं और जिनके पास यह कार्य है।

इस लेख में हम आपको पौधों में रंध्रों और उनके कार्य के बारे में जानने के लिए आवश्यक सब कुछ बताने जा रहे हैं।

रंध्र परिभाषा क्या है? (What is the Definition of Stoma)

(Randhra Kya Hai) पत्ती की सतह के नीचे के कई छिद्रों को रंध्र (स्टोमेटा ) (stomata) कहा जाता है।

रंध्र क्या हैं (What are Stomata)

कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में पाया जाता है लेकिन यह बहुत पतला होता है। वायुमंडल की वायु सामग्री का केवल 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड है।

इसलिए, उन्हें इस गैस को अवशोषित करने और प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम होने के लिए विशिष्ट अंगों की आवश्यकता होती है।

(Randhra Kya Hai) कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के लिए जिम्मेदार अंग रंध्र हैं। ये स्टोमेटा छिद्र या उद्घाटन के अलावा और कुछ नहीं हैं जिन्हें एपिडर्मल ऊतक में विनियमित और पाया जा सकता है।

वे विशेष कोशिकाओं की एक जोड़ी से बने होते हैं जिन्हें ओक्लूसिव सेल कहा जाता है।रंध्र के माध्यम से बनने वाले छिद्र को ओस्टियोल कहा जाता है।

ओस्टियोलस को कैओटोमैटिक चैंबर नामक एक गुहा के साथ संयंत्र में संचार करने के प्रभारी हैं। प्रत्येक रोड़ा सेल के किनारों पर आमतौर पर कई एपिडर्मल कोशिकाएं होती हैं

जिन्हें सहायक कोशिका या सहायक कोशिका कहा जाता है। स्टोमाटा को खोलते या बंद करते समय, ओसीसीविअल कोशिकाएं इसे नियंत्रित करती हैं।

रंध्र का महत्व (Importance of Stomata)

यह कहा जा सकता है कि रंध्र वे वे हैं जो पर्यावरण और संयंत्र के बीच इंटरफेस का प्रतिनिधित्व करते हैं।

(Randhra Kya Hai) इन स्टोमेटा की उत्पत्ति तब होने की संभावना है जब पौधों ने अपने प्राकृतिक वातावरण को जलीय भाग से संशोधित किया और भूमि का उपनिवेशण कर रहे थे।

पर्यावरण में घुले कार्बन डाइऑक्साइड को शामिल करने के तरीके को संशोधित किया गया था। कार्बन डाइऑक्साइड के माध्यम से प्रवेश करने से पानी में भंग करने के लिए इसे हवा से फ़िल्टर करने के लिए।

Stomata Meaning in hindi

स्टोमेटा (stomata) शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है। इसका मतलब ‘मुंह’ होता है।

  • गुफा, गड्ढा
  • स्त्री का भग योनि
  • छेद, सूराख़
  • खराबी, ऐब, दोष

रन्ध्र या रंध्रीय उपकरण
(Stomata or Stomatal Apparatus)

(Randhra Kya Hai) रन्ध्र पत्ती के ऐसे प्रमुख्य छिद्र हिट है जिसके द्वारा संपूर्ण पत्ती का आंतरिक भाग बाह्यः पर्यावरण के संपर्क में होता है।पौधों में रंध्रों की संख्या काफी अधिक होती है।

भिन्न-भिन्न पादप प्रजातियों में प्रति इकाई क्षेत्रफल में रंध्रों की संख्या भिन्न-भिन्न होती है।प्रत्येक वर्ग सेमी क्षेत्र में रंध्रों की संख्या कुछ हजार से लेकर 100 हजार तक होती है।

रन्ध्र की सरंचना (Structure of Stomata)

(Randhra Kya Hai) पतियों के बाह्यः त्वचा(epidermis)में पाए जाने वाले परवलय कार सूक्ष्म छिद्र है,जो की दो विशिष्ट प्रकार की बाह्यः त्वचीय कोशिकओं(specialized epidermal) के द्वारा घिरा रहता है

जिन्हें रक्षक कहते है।द्विबीजपत्री पौधों की पत्तियों में रक्षक कोशिकाये गुर्दाकार होती है,जबकि एकबीजपत्री में ये डम्बल के आकार के होते है।रक्षक कोशिकओं की रन्ध्र की ओऱ

(Randhra Kya Hai) वाली कोशिका भित्ति मोटी एवं अप्रतास्थ्य होती है,शेष कोशिका भित्ती पतली ,प्रत्यस्थ एवं पारगम्य होती है।यह पत्तियों, तने और जमीन के ऊपर पाये जाने वाले पौधे के अन्य सभी भागों की बाह्यत्व’चा (एपिडर्मिस)) में पाया जाने वाला छिद्र होता है।

इस प्रकार इसका नाम स्टोमेटा पड़ा क्योंकि यह वायुमंडल और पत्ती के आंतरिक भागों के बीच गैसों के आदान-प्रदान का अवसर देता है |

स्टोमेटा के स्थान के आधार पर पत्तियों के प्रकार

माइक्रोस्कोप के तहत पेट

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि पत्ते पौधों के ऐसे भाग होते हैं जिनमें सबसे ज्यादा स्टोमेटा होता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि वे भाग हैं, ऐसे दिन हैं जो वातावरण के साथ इन गैसों का आदान-प्रदान करने में सक्षम होने के लिए अधिक इष्टतम तरीके से व्यवस्थित होते हैं।

(Randhra Kya Hai) रंध्रों की संख्या और उनके मिलने के स्थान के आधार पर, इसे अलग तरह से कहा जाएगा।

ये उनके स्थान के अनुसार प्राप्त होने वाले नाम हैं

एपीस्टोमैटिक्स (Epistomatics)

ये ऐसी पत्तियां हैं जिनमें केवल रंध्र चेहरे या गठरी पर होता है। आम तौर पर इन पौधों को दिन के अंत में बहुत अधिक धूप की आवश्यकता होती है। यह एकमात्र तरीका है जिससे वे वायुमंडल के साथ गैसों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं।

हाइपोस्टोमेटिक (Hypostomatic)

(Randhra Kya Hai) वे पत्तियां होती हैं जिनका स्टोमेटा केवल एबाक्सिअल या अंडरसीड पर होता है। इस प्रकार के पत्ते व्यावहारिक रूप से सभी पेड़ों में सबसे अधिक होते हैं। और यह है कि लोकप्रिय विचार के बावजूद, यह पत्तियों के नीचे है जहां रंध्र स्थित हैं, जो वायुमंडल के साथ इन गैसों का आदान-प्रदान करते हैं।

उभयचर (Amphibian)

(Randhra Kya Hai) वे ऐसे पत्ते हैं जिनके दोनों तरफ रंध्र होते हैं। हालांकि उनके दोनों तरफ रंध्र हैं, वे अधिमानतः तल पर अधिक हैं। यह मुख्य रूप से शाकाहारी परिवार के पौधों के साथ होता है।

यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, प्रजातियों के आधार पर, वितरण का क्षेत्र, पारिस्थितिक तंत्र, जलवायु, सौर किरणों की मात्रा, अवक्षेपण आदि।

विभिन्न प्रकार की पौधों की प्रजातियां होंगी जो इन पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल हो सकती हैं।

इसलिए, हम देख सकते हैं कि पौधे के रंध्रों की संख्या की आवृत्ति या घनत्व व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं कुछ दसियों से लेकर हजारों प्रति वर्ग मिलीमीटर

स्टोमेटा की यह संख्या पत्तियों की आकृति विज्ञान और उनके आनुवंशिक मेकअप से भी प्रभावित होती है।

रंध्रो का वितरण (Starch Distribution)

(Randhra Kya Hai) एक बीज पत्री पौधों की पत्तियों के दोनों सतहों पर हैं रंध्र पाए जाते हैं तथा द्विबीजपत्री पौधों की पत्तियों में रन्ध्र केवल निचली सतह पर ही पाए जाते हैं 

पत्तियों की सतह पर रन्ध्रो का वितरण निम्न पांच प्रकार से होता है।

1.सेब शहतूत प्रकार (Apple Mulberry Type)

इनमें रंध्र केवल पत्तियों की निचली बाह्य त्वचा पर ही पाये जाते है।
जैसे सेब, वॉलनट

2.आलू प्रकार के(Potato Type)

इनमें रन्ध्र निचली सतह पर अधिक तथा ऊपरी सतह पर कम होते हैं
जैसे आलू, सेम

3.जई प्रकार के(Oat Type)

इनमें रन्ध्र की संख्या दोनों सतहों पर बराबर होती है यह एकबीज पत्री पौधों की विशेषता है क्योंकि इनमें पत्तियां समद्विपार्श्व होती है।
जैसे जी ,मटर, गेहूं

4.जलीय लिली प्रकार के(Water Lily Type)

इनमें रन्ध्र केवल ऊपरी सतह पर ही पाए जाते हैं निचली सतह पर नहीं पाए जाते हैं। ऐसे रन्ध्र केवल जलीय पौधों में पाए जाते हैं‌।
जैसे जलीय लिली

5.पोजोमोजीटोन प्रकार के (Potomogeton Type)

पानी में निमग्न पौधों में रन्ध्रो का कोई कार्य नहीं होता इसलिए इनमें रन्ध्र पाऐ ही नहीं जाते अथवा मिलते भी है तो वह अवशेष के रूप में होते हैं।

रंध्रो के प्रकार(Type of Stomata)

संख्या एवं आकार के आधार पर

1.रैननकुलस प्रकार (Rannanculus Type)

इस प्रकार की रन्ध्रो में लगभग 5 सहायक कोशिकाएं रक्षक कोशिकाओं के चारों ओर पाई जाती हैं यह सहायक कोशिकाएं अन्य वाह्य त्वचीय कोशिकाओं के समान होती है इन्हें एनोमोसाइटिक रन्ध्र भी कहते हैं।

2.क्रूसीफेरस प्रकार (Cruciferous Type)

इस प्रकार के रन्ध्रो में उपस्थित रक्षक कोशिकाएं 3 सहायक कोशिकाओं के द्वारा घिरी होती हैं इनमें से दो सहायक कोशिकाएं बड़ी तथा एक छोटी होती है ऐसे रन्ध्रो को एनाइसोसाइटिक रन्ध्र भी कहते हैं।

3.रुबिएसियस प्रकार (Rubius Type)

इस प्रकार के रन्ध्रो  मेंरक्षक कोशिकाएं दो सहायक कोशिकाओं के द्वारा घिरी होती है ये सहायक कोशिकाएं रंध्र के लंबे अक्ष के समानांतर उपस्थित होती है इस प्रकार के रन्ध्रो को पैरसाइक्लिक रन्ध्र भी कहती है।

4.कैरियोफिलेशियस प्रकार (Caryophyllaceous Type)

इस प्रकार के रन्ध्रो में रक्षक कोशिकाओं के चारों ओर केवल दो सहायक कोशिकाएं पाई जाती है जो कि दोनों रक्षक कोशिकाओं के लंबाक्ष के लंबवत होती है ऐसे रन्ध्रो को डायसाइक्लिक रन्ध्र कहते हैं।

5.एक्टीनोसाइटिक प्रकार (Actinocytic Type)

(Randhra Kya Hai) एकबीज पत्री पौधों में 4 या अधिक अरीय रूप से व्यवस्थित कोशिकाएं रक्षक कोशिकाओं के चारों ओर पाई जाती है ।

रन्ध्रो की गतिशीलता की दैनिक आवर्तिता के आधार पर

अल्फा अल्फा प्रकार (Alpha Alpha Type)

(Randhra Kya Hai) इस प्रकार के रन्ध्र 24 घंटे खुले ही रहते हैं पतली पत्तियों वाले पौधे जैसे मूली, सरसों ,सेम, मटर, अंगूर आदि इसी प्रकार के रन्ध्र पाऐ जाते है।

आलू प्रकार (Potato Type)

इसमें भी रन्ध्र दिन रात खुले रहते है केवल शाम को कुछ घंटों के लिए बंद रहते है
जैसे प्याज, बंद गोभी

जई प्रकार (Oat Type)

(Randhra Kya Hai) इस प्रकार के रन्ध्र दिन में केवल कुछ ही घंटों के लिए खुलते है अधिकांश अन्न उत्पादक पौधों में इसी प्रकार के रन्ध्र होते है जैसे मक्का जौ गेहूं जई।

इक्वीसीटम प्रकार (Equisitum Type)

इस प्रकार के रन्ध्र कभी भी बंद नहीं होते।
जैसे इक्वीसीटम

1. Stomata meaning in Hindi

Stomata meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is रंध्र.

2. स्टोमेटा को खोलने और बंद करने में दवार कोशिका की क्या भूमिका?

Answer:स्टोमेटा के छिद्रों का खुलना और बंद होना केवल गार्ड कोशिकाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है. … पौधे की कोशिकाओं से स्टोमेटा के छिद्रों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पानी निकलता है. इसलिए, जब पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की जरूरत नहीं होती है और पानी को संरक्षित करना चाहते है, तो स्टोमेटा के छिद्र बंद हो जाते हैं

3. रंध्र कब खुलता है?

उत्तर : रुधिरों का खुलना एवं बंद होना रक्षक कोशिकाओं की सक्रियता पर निर्भर करता है। इसकी कोशिका भित्ति असमान मोटाई की होती है। जब यह कोशिका स्फीत दशा में होती है तो छिद्र खुलता है व इसके ढीली हो जाने पर यह बंद हो जाता है।

4. स्टोमेटा के खुलने और बंद होने की क्रिया को कौन नियंत्रण करता है?

(Randhra Kya Hai) स्टोमेटा गैस विनिमय और वाष्पोत्सर्जन का कार्य भी करती है। स्टोमेटा के खुलने और बंद होने के लिए जिम्मेदार तंत्र में आयन और टगर दबाव शामिल हैं।

5. प्रकाश संश्लेषण में रंधो का क्या कार्य है?

इस क्रिया में पौधे सूर्य के प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक उर्जा में परिवर्तित कर देते हैं तथा CO2 पानी जैसे साधारण पदार्थों से जटिल कार्बन यौगिक कार्बोहाइड्रेट्स बन जाते हैं। इन कार्बोहाइड्रेट्स द्वारा ही मनुष्य एवं जीवित प्राणियों को भोजन प्राप्त होता है।

6. रंध्रीय तंत्र क्या है?

रंध्रीय छिद्र, द्वारकोशिका तथा सहायक कोशिकाएं मिलकर रंध्री तंत्र का निर्माण करती हैं। वाले जल की हानि रोकते हैं। संवहनी तंत्र में जटिल ऊतक, जाइलम तथा फ्लोएम होते हैं। जाइलम तथा फ्लोएम दोनों मिलकर संवहन बंडल बनाते हैं

 

 

Randhra Kya Hai रंध्र किसे कहते है | :- आशा करता हूं कि हमारे द्वारा डाली गई यह पोस्ट जो कि रंध्र किसे कहते है (Randhra Kya Hai) को स्पष्ट रुप से बताने के लिए डाली गई है, आपको पढ़ने के बाद अच्छी लगी होगी।

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