दोस्तों आज हम आप को विस्थापन किसे कहते हैं के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने विस्थापन किसे कहते हैं, विस्थापन व दूरी में अंतर , इस लेख मे इत्यादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
अक्सर कक्षा 10,11,12 के विद्यार्तियो को विस्थापन किसे कहते हैं के बारे पूछा जाता है। इसलिए विद्यार्तियो की सहायता के लिए हमने विस्थापन किसे कहते हैं लिखा है।
इस लेख में हम दूरी और विस्थापन (Distance and Displacement in hindi) के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे। दूरी व विस्थापन से संबंधित विभिन्न टॉपिक व सवालों को समझेंगे। जैसे :- दूरी किसे कहते हैं? विस्थापन किसे कहते हैं? दूरी की परिभाषा, विस्थापन की परिभाषा क्या है। दूरी का सूत्र, विस्थापन का सूत्र, विमा दूरी व विस्थापन में अंतर इत्यादि के बारे में बताया गया है।
समान्यत दूरी और विस्थापन का अंतर के बारे में सभी को पूरी तरह ध्यान नहीं रहता, जिसकी वजह से दूरी और विस्थापन को एक ही राशि मान लिया जाता है जबकि यह दोनों अलग अलग है।
विस्थापन किसे कहते है (Vishthapan Kise Kahte Hai)
किसी निश्चित दिशा में जब कोई गतिमान वस्तु की अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के बीच न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं। विस्थापन को ज्ञात करने के लिए दिशा का पता होना आवश्यक है।
जब कोई वस्तु एक बिंदु से दूसरे बिंदु की तरफ किसी पथ पर गति करती है। तो उन दोनों बिंदुओं के बीच की निम्नतम दूरी को विस्थापन कहते है। विस्थापन उन दोनों बिंदुओं के बीच के पथ पर निर्भर नहीं करता है। यह केवल प्रारंभिक बिंदु व अंतिम बिंदु पर निर्भर करता है।
विस्थापन का SI मात्रक (Unit of Displacement)
- विस्थापन का M.K.S. पद्धति में मात्रक मीटर होता है।
- विस्थापन एक सदिश राशि है। अर्थात विस्थापन के परिमाण के साथ-साथ इसकी दिशा भी होती है।
- विस्थापन का परिमाण, दो स्थितियों के बीच न्यूनतम संभव दूरी के तुल्य होता है
दूरी > विस्थापन
गतिशील कण के लिए दूरी कभी ऋणात्मक अथवा शून्य नहीं हो सकती जबकि विस्थापन हो सकता है। शून्य विस्थापन का तात्पर्य है कि गतिशील वस्तु अपनी प्रारम्भिक स्थिति पर पुनः आ चुकी है।
अर्थात दूरी > 0 परंतु विस्थापन = अथवा < 0
गतिशील कण के लिए दूरी समय के साथ कभी घट नहीं सकता है जबकि विस्थापन समय के साथ घट सकता है। समय के विस्थापन घटने का तात्पर्य है कण प्रारम्भिक स्थिति की ओर गतिशील है।
दो बिंदुओं के मध्य गति के लिए विस्थापन अद्वितीय फलन होता है जबकि दूरी वास्तविक पथ पर निर्भर करती है तथा इसके अन्नत मान हो सकते हैं।
गतिशील वस्तु के लिए दूरी शून्य या ऋणात्मक नहीं हो सकती है लेकिन विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है।
दूरी और विस्थापन अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए जब हम कोई मोटरसाइकिल चला रहे होते हैं तो हमारे द्वारा उस मोटरसाइकिल के ऊपर प्राथमिक बिंदु से अंतिम बिंदु तक अर्थात जहां से हम चले तथा जहां पर जाकर हम रुके उन दोनों बिंदुओं के बीच की न्यूनतम लंबाई विस्थापन कहलाती है। लेकिन हमारे द्वारा उस मोटरसाइकिल के ऊपर तय की गई लंबाई दूरी कहलाती है।
माना कि प्राथमिक बिंदु से अंतिम बिंदु के बीच की न्यूनतम दूरी 1 किलोमीटर है। फिर हम वापस उसी बिंदु पर आ जाते हैं अर्थात प्राथमिक बिंदु पर ही आ जाते है। तो वह प्राथमिक बिंदु हमारा अंतिम बिंदु भी हो जाता है। इस स्थिति में विस्थापन तो जीरो हो गया। लेकिन हमारे द्वारा चली गई कुल दूरी 2 किलोमीटर हो गई।
दूरी किसे कहते हैं (What is the Distance)
- एक निश्चित समय अंतराल में किसी वस्तु द्वारा एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक की चली गई कुल लंबाई को दूरी कहते हैं।
- अर्थात किन्ही दो बिंदुओं के बीच के पथ की लंबाई को दूरी कहते हैं।
- गतिशील वस्तु के लिए समय बढ़ने पर दूरी का मान सदैव बढ़ता है। दूरी को ओडोमीटर द्वारा मापा जाता है।
उदाहरण :- राम अपने मित्र श्याम के घर जाता है। राम और श्याम के घर के बीच तय की गई लंबाई 50 मीटर है। अत राम और श्याम के घर के बीच की दूरी 50 मीटर है।
दूरी का SI मात्रक (Unit of Distance) :-
दूरी का मात्रक लंबाई का मात्रक ही इसे MKS पद्धति में मीटर से मापा जाता है।
किसी निर्देश बिंदु के सापेक्ष कण की अंतिम स्थिति व प्रारम्भिक स्थिति के अंतर को विस्थापन कहते है। यह सदिश राशि है।
जैसे :- वृताकार पथ के लिए यदि कोई वस्तु स्थिति A से गतिशील होकर पुन A पर आ जाए तो
दूरी = 2πr
विस्थापन = 0
दूरी व विस्थापन में अंतर
(Difference Between Distance and Displacement)
दूरी (Distance) | विस्थापन (Displacement) |
गतिमान वस्तु के द्वारा किसी निश्चित समय में तय किए गए मार्ग की लंबाई को दूरी कहा जाता है। | किसी निश्चित दिशा में दो बिंदुओं के मध्य तय की गई लम्बवत या न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहा जाता है। |
दूरी एक अदिश राशि हैं। | विस्थापन एक सदिश राशि है। |
किसी वस्तु द्वारा तय किए गए मार्ग पर दूरी निर्भर करती है। | किसी वस्तु द्वारा तय किए गए मार्ग पर विस्थापन निर्भर नहीं करता है। |
दूरी सदैव धनात्मक होती है। | विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य भी हो सकता है। |
दूरी विस्थापन के परिमाण के बराबर या उससे अधिक होता हैं। | विस्थापन का परिमाण दूरी के बराबर या उससे छोटा होता हैं। |
दूरी वस्तु के पथ की आकृति पर निर्भर करता हैं। | विस्थापन वस्तु के पथ की आकृति पर निर्भर नही करता हैं। |
दूरी व विस्थापन में समानता
(Similarity Between Distance and Displacement)
- दूरी व विस्थापन में अंतर के साथ साथ समानता भी है। जो इस प्रकार है।
- दूरी व विस्थापन का मात्रक M.K.S. पद्धति में “मीटर” होता है। अर्थात दोनों का एक ही मात्रक होता है।
- सीधी रेखा में गतिशील कण के लिए दूरी व विस्थापन का मान समान होता हैं।
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विस्थापन का अर्थ क्या है?
विस्थापन Meaning In Hindi – विस्थापन का मतलब हिंदी में
विस्थापन संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] किसी स्थान से बलपूर्वक हटाना ; स्थान परिवर्तन ; निर्वासन। विस्थापन – संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] दूसरे स्थान पर के जाने की क्रिया [को कहते हैं] ।
विस्थापन द्वारा क्या उत्पन्न होती है?
विस्थापन धारा और विद्युत धारा घनत्व का मात्रक समान है। जिस प्रकार विद्युत धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है। किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।
विस्थापन धारा तांबे के तार में उत्पन्न होती है क्या?
चालन धारा व विस्थापन धारा किसी परिपथ में सतत होती है परन्तु अलग अलग रूप से असतत होती है। संधारित्र की प्लेटों के मध्य प्लेटों के चारों ओर विस्थापन धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है जो ठीक उसी प्रकार होता है जिस प्रकार किसी चालक तार में प्रवाहित धारा के कारण उसके चारों ओर होता है।
विस्थापन धारा कहाँ उत्पन्न नहीं होती है?
विस्थापन धारा और विद्युत धारा घनत्व का मात्रक समान है। जिस प्रकार विद्युत धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है। किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।
विस्थापन एवं समय आरेख का ढाल क्या कहलाता है?
इस आलेख का ढाल क्या निरूपित करेगा? उत्तर: इसमें समय के साथ वेग का मान सदैव शून्य रहता है। इसलिए आलेख जो प्राप्त होता है वह X-अक्ष ही है व चित्र नीचे दिये अनुसार होगा। इस आलेख का ढाल शून्य है जो कि शून्य त्वरण को दर्शाता है।