एलोवेरा के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण | What is Aloe Vera

Hello Friends आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग Examenglishhindi.Com में आज के इस Article में हम पढ़ेंगे की एलोवेरा के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण | What is Aloe Vera, एलोवेरा क्या है ? (What is Aloe Vera), अन्य भाषाओं में एलोवेरा के नाम (Name of Aloe Vera in Different Languages), एलोवेरा के फायदे और उपयोग (Aloe Vera Benefits and Uses in Hindi), एलोवेरा के नुकसान (Side Effects of Aloe Vera) तो चलिए शुरू करते है –What is Aloe Vera

आपने एलोवेरा का बहुत नाम सुना होगा, और यह भी सुना होगा कि एलोवेरा को औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एलोवेरा के औषधीय गुण क्या-क्या हैं।

आप एलोवेरा से लाभ लेकर अपना और अपने परिवार की बहुत-सी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इसलिए आइए जानते हैं कि एलेवोरा के फायदे किस-किस रोग में मिलते हैं।

क्‍या आपको पता है कि किस-किस रोग में एलोवेरा के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में एलोवेरा के फायदे के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं।

इस पोस्ट में क्या है ?

एलोवेरा क्या है ? (What is Aloe Vera)

घृत कुमारी या अलोवेरा/एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है

एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है।

इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है।

यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पायी जाती पर इसके निकट संबंधी अलो उत्तरी अफ्रीका में पाये जाते हैं।

इसे सभी सभ्यताओं ने एक औषधीय पौधे के रूप में मान्यता दी है और इस प्रजाति के पौधों का इस्तेमाल पहली शताब्दी ईसवी से औषधि के रूप में किया जा रहा है।

घृत कुमारी का पौधा बिना तने का या बहुत ही छोटे तने का एक गूदेदार और रसीला पौधा होता है

जिसकी लम्बाई 60-100 सेंटीमीटर तक होती है।

इसका फैलाव नीचे से निकलती शाखाओं द्वारा होता है।

इसकी पत्तियां भालाकार, मोटी और मांसल होती हैं जिनका रंग, हरा, हरा-स्लेटी होने के साथ कुछ किस्मों में पत्ती के ऊपरी और निचली सतह पर सफेद धब्बे होते हैं।

पत्ती के किनारों पर की सफेद छोटे दाँतों की एक पंक्ति होती है। गर्मी के मौसम में पीले रंग के फूल उत्पन्न होते हैं।

अलो वेरा को आधुनिक उत्पादक इसके औषधीय गुणों के कारण उगा रहे हैं।

घृत कुमारी के सौन्दर्य वर्धक और उपचारात्मक प्रभावों के संबंध में वैज्ञानिक साक्ष्य बहुत सीमित है और आम तौर पर विरोधाभासी है।

इसकी सरसता इसे कम वर्षा वाले प्राकृतिक क्षेत्रों में जीवित रहने में सक्षम बनाती है, जिसके चलते यह पठारी और शुष्क क्षेत्रों के किसानों में बहुत लोकप्रिय है।

इसके बावजूद सौन्दर्य और वैकल्पिक दवा उद्योग इसके चिकित्सीय गुणों का निरंतर दावा करता है।

व्यापक मान्यता के विपरीत कि घृत कुमारी विषैली नहीं होती, अगर इसको ज्यादा मात्रा में निगला जाये तो यह हानिकारक हो सकता है।

घृत कुमारी का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है तथापि इसके जैल का प्रयोग व्यावसायिक रूप में उपलब्ध दही, पेय पदार्थों और कुछ मिठाइयों में एक घटक के रूप में किया जाता है।

आजकल घृत कुमारी की खेती एक बहुत बड़े स्तर पर एक सजावटी पौधे के रूप में की जा रही है।

चीन, जापान और भारत में घृत कुमारी का प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है।

अन्य भाषाओं में एलोवेरा के नाम (Name of Aloe Vera in Different Languages)

एलोवेरा का वानस्‍पतिक नाम Aloe vera (Linn.) Burm.f. (एलोवेरा)? Syn-Aloe barbadensis Mill. है, और इसके अन्य ये भी नाम हैंः-

Aloe Vera in other Languages:-

LanguagesAloe Vera Name
Hindiघीकुआँर, ग्वारपाठा, घीग्वार
Englishएलो वेरा (Aloe vera), कॉमन एलो (Common aloe), बारबडोस एलो (Barbados aloe), मुसब्बार (Musabbar), कॉमन इण्डियन एलो (Common Indian aloe)
Sanskritकुमारी, गृहकन्या, कन्या, घृतकुमारी
Nepaliघ्यूकुमारी (Giukumari)
Persianदरखते सिब्र (Darkhate sibre), दरख्तेसिन (arkhteesinn)
Kannadaलोलिसर (Lolisar)
Arabicतसाबार अलसी (Tasabrar alsi), मुसब्बर (Musabbar)
Gujaratiकुंवार (Kunwar), कड़वी कुंवर (Kadvi kunvar)
Marathiकोरफड (Korphad), कोराफण्टा (Koraphanta)
Tamilकत्तालै (Kattale), अंगनी (Angani), अंगिनी (Angini)
Malayalamछोट्ठ कथलाइ (Chotthu kathalai)
Teluguकलबन्द (Kalband), एट्टाकलाबन्द (Ettakalaband)
Punjabiकोगर (Kogar), कोरवा (Korwa)
Bengaliघृतकुमारी (Ghritkumari)

एलोवेरा के फायदे और उपयोग (Aloe Vera Benefits and Uses in Hindi)

बुखार में एलोवेरा के औषधीय गुण से फायदा (Aloe Vera Benefits in Fighting with Fever)

What is Aloe Vera एलोवेरा की जड़ से काढ़ा बना लें। 10-20 मिलीग्राम काढ़ा को दिन में तीन बार पिलाने से बुखार ठीक होता है।

सिर दर्द में एलोवेरा के फायदे (Benefits of Aloe Vera in Relief from Headache in Hindi)

  • एलोवेरा के फायदे लेकर सिर दर्द से आराम पा सकते हैं।
  • इसके लिए एलोवेरा जेल लें, और इसमें थोड़ी मात्रा में दारु हल्‍दी का चूर्ण मिला लें।
  • इसे गर्म करके दर्द वाले स्‍थान पर बांधें।
  • इससे वात और कफ दोष के कारण होने वाले सिरदर्द से आराम मिलता है।

चर्म रोग में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Uses for Skin Disease)

अगर आपकी त्वचा पर मस्से निकल आए हैं तो एलोवेरा के पत्‍ते को एक तरफ से छीलकर मस्सों पर बांधें। इससे मस्से खत्म हो जाते हैं।

आंखों की बीमारी में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits to Treat Eye Disease)

  • आप एलोवेरा के गूदे पर हल्दी डालकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे आंखों पर बांधने से आंखों के दर्द का इलाज होता है।
  • एलोवेरा जेल को आंखों पर लगाएंगे तो आंखों की लालिमा खत्म होती है।
  • यह विषाणु से होने वाले आखों के सूजन में लाभदायक होता है।

एलोवेरा के औषधीय गुण से खांसी-जुकाम का इलाज (Benefits of Aloe Vera in Fighting with Cough and Cold)

  • एलोवेरा का गूदा और सेंधा नमक लेकर भस्म तैयार कर लें।
  • इस भस्‍म को 5 ग्राम की मात्रा में मुनक्का के साथ सुबह-शाम सेवन करें।
  • इससे पुरानी खांसी और जुकाम में लाभ होता है।

कान दर्द में एलोवरा के औषधीय गुण फायदेमंद (Aloe Vera Benefits for Ear Pain)

  • What is Aloe Vera एलोवेरा के रस को हल्का गर्म कर लें।
  • जिस कान में दर्द हो रहा है, उसके दूसरी तरफ के कान में दो-दो बूंद टपकाने से कान के दर्द में आराम मिलता है।

पेट की बीमारी में एलोवेरा का सेवन फायदेमंद (Aloe Vera Uses for Abdominal Disease in Hindi)

गूदे को पेट के ऊपर बांधने से पेट की गांठ बैठ जाती है।

एलोवेरा के 6 ग्राम गूदा और 6 ग्राम गाय का घी, 1 ग्राम हरड़ चूर्ण और 1 ग्राम सेंधा नमक लें। इसे मिलाकर सुबह-शाम खाने से वात विकार से होने वाले गैस की समस्या ठीक होती है।

एलोवेरा की 10-20 ग्राम जड़ को उबाल लें। इसे छानकर भुनी हुई हींग मिला लें। इसे पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

गाय के घी में 5-6 ग्राम घृतकुमारी के गूदे में त्रिकटु सोंठ, मरिच पिप्‍प्‍ली, हरड़ और सेंधा नमक मिला लें। इसका सेवन करने से गैस की समस्या में लाभ होता है।

 

तिल्‍ली विकार एलोवेरा के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Aloe Vera to Treat Spleen Disorder)

What is Aloe Vera 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस में 2-3 ग्राम हल्दी चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे तिल्‍ली के बढ़ने के साथ-साथ अपच में लाभ होता है।

एलोवेरा के सेवन से खूनी बवासीर का इलाज (Aloe Vera Benefits for Piles Treatment)

एलोवेरा जेल के 50 ग्राम गूदे में 2 ग्राम पिसा हुआ गेरू मिलाएं। अब इसकी टिकिया बना लें। इसे रूई के फाहे पर फैलाकर गुदा स्‍थान पर लंगोट की तरह पट्टी बांधें। इससे मस्‍सों में होने वाली जलन और दर्द में आराम मिलता है।

डायबिटीज में एलोवेरा के सेवन से फायदा (Uses of Aloe Vera to Controlling Diabetes)

250-500 मिलीग्राम गुडूची सत् में 5 ग्राम Aloe Vera का गूदा मिलाकर लेने से मधुमेह में लाभ होता है।

एलोवेरा के सेवन से पीलिया का इलाज (Aloe Vera Uses in Fighting with Jaundice)
  • What is Aloe Vera इसके लिए 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस को दिन में दो तीन बार पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
  • इससे लीवर, तिल्‍ली के बढ़ाना, पेट की गैस, कब्‍ज से मुक्ति, पेट में दर्द और पाचनतंत्र से जुड़ी अन्य समस्‍याओं में लाभ होता है।
लीवर विकार में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Uses for Liver Disorder)
अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट साफ होता है। उचित मात्रा में सेवन करने से मल एवं वात से जुड़ी समस्‍याएं ठीक होने लगती हैं। इससे लीवर स्वस्थ हो जाता है।

 

मूत्र रोग में एलोवेरा के औषधीय गुण से लाभ (Uses of Aloe Vera for Urinary Disease)

इसके लिए 5-10 ग्राम एलोवेरा जेल में चीनी मिलाकर खाएं। इससे पेशाब में दर्द और जलन से आराम मिलता है।

मासिक धर्म विकार में एलोवेरा के सेवन से लाभ (Aloe Vera Helps to get Relief from Menstrual Disorders)

एलोवेरा के 10 ग्राम गूदे पर 500 मिलीग्राम पलाश का क्षार बुरककर दिन में दो बार सेवन करें। इससे मासिक धर्म की परेशानियां दूर होती हैं।

चेचक के घावों में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Benefits to Treat Chicken Pox)

What is Aloe Vera चेचक होने पर दर्द, जलन और सूजन से राहत पाने के लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। चेचक के घावों पर एलोवेरा के गूदे का लेप करने से लाभ होता है।

लिंग में छाले होने पर एलोवारा के फायदे (Aloe Vera Helps in Getting Relief from Penis Ulcers in Hindi)

एलोवेरा के साथ जीरा को पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग की जलन और छाले दूर होते हैं।

एलोवेरा के सेवन से कमर दर्द का इलाज (Uses of Aloe Vera in Reducing Backache)

गेंहू का आटा, घी और एलोवेरा जेल लेकर आटा गूंथ लें। इससे रोटी बनाएं। रोटी का चूर्ण बनाकर लड्डू बना लें। रोज 1-2 लड्डू को खाने से कमर दर्द ठीक होता है।

गठिया के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है एलोवेरा (Benefits of Aloe Vera to Treat Arthritis)

10 ग्राम एलोवेरा जेल नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करें। इससे गठिया में लाभ होता है।

घाव और चोट में एलोवेरा के गुण से फायदा (Aloe Vera Helps for Healing Wound and Injury)

एलोवेरा के गूदे में थोड़ा सज्जीक्षार और हरड़ चूर्ण मिलाकर घाव पर बांधें। इससे फोड़ा जल्दी पक कर फूट जाता है।

एलोवेरा के नुकसान (Side Effects of Aloe Vera)

कमजोरी महसूस होना (Feeling Weak)

यदि आप इसका लगातार सेवन कर रहे हैं तो आपके शरीर के अंदर पोटेशियम की मात्रा अधिक हो जाएगी. ये समस्या केवल ज़रूरत से अधिक सेवन से ही होती है।

ब्लड शुगर की समस्या (Blood Sugar Problem)

यदि आप लगातार एलोवेरा का सेवन कर रहे हैं, तो आपका ब्लड शुगर स्तर प्रभावित हो सकता है, जिससे आपको बीपी की समस्या हो सकती है।

त्वचा में संक्रमण की समस्या (Skin Infection Problem)

यदि आप एलोवेरा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं, तो आपको इसका इस्तेमाल कम करना चाहिए, नहीं तो हो सकता है, आपकी त्वचा में रेसेज व खुजली जैसी समस्या हो।

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What is Aloe Vera :- अगर आपने What is Aloe Vera को यहाँ तक पढ़ा है तो मुझे पूरी तरह उम्मीद है की आपको What is Aloe Vera अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा| इस Artical में अगर आपको कोई भी Problem हो तो हमें Comment के माध्यम से पूछ सकते है | अगर आपको यह Artical अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे What is Aloe Vera

What is Aloe Vera FAQ

एलोवेरा के उपयोगी भाग (Useful Parts of Aloe Vera)

एलोवेरा के इन भागों का उपयोग किया जाता है
पत्ते
जड़
फूल
एलोवेरा का उपयोग किया जाने वाला भाग अलोवेरा की पत्तियां होती हैं, जो हमें कई बीमारियों से बचाने में हमारी रक्षा करती हैं।

एलोवेरा का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Aloe Vera in Hindi?)

आप एलोवेरा का इस तरह इस्तेमाल कर सकते हैंः-
काढ़ा – 25-50 मिलीग्राम

एलोवेरा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Aloe Vera Found or Grown?)

भारत के सभी हिस्‍सों में एलेवेरा की खेती की जाती है। मुख्‍य तौर पर मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत में इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती बलुई और अच्‍छी तरह से सूखी जमीन पर की जाती है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में इसे व्‍यापक तौर पर उगाया जाता है।

एलोवेरा की कीमत क्या है?

खेती के लिए लगाए जाने वाले एक पौधे की कीमत 3 से 4 रुपये तक होती है. यानी एक बीघे के खेत में एलोवेरा की खेती के लिए आपको करीब 40 हजार रुपये पौधे की खरीद पर खर्च होंगे. एलोवेरा के एक पौधे से 3.5 किलो तक पत्ते मिलते हैं और एक पत्ते की कीमत 5 से 6 रुपये तक होती है.

सुबह खाली पेट एलोवेरा खाने से क्या होता है?

एलोवेरा जूस को रोज सुबह खाली पेट पीने से सिर दर्द की हर तरह की समस्या से राहत मिलती है. कब्ज को कम करने में मदद करता है – अगर पेट साफ न हो तो शरीर कई समस्याओं की चपेट में आ जाता है. अगर आप रोजाना एलोवेरा जूस का सेवन करेंगे तो आपको इस समस्या से निजात मिल सकता है. इससे शरीर और त्वचा स्वस्थ रहते हैं.

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